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वृन्दावनविलास
चौदह अंकप्रमाण पूर्वसंख्याका वर्णन।
खोरठा। रुद्र प्रमित धर सुन्न, तत्त्व दैरव पुनि जेड़ जिने ।
लिख बाई गति मुन्न, पूरवसंख्या वरप यह ॥ * अर्थात्-ग्यारह शून्य, सात, छह और पांचकी संन्या
वाई ओरसे लिखनेमें ५६७००००००००००० होनी है। * यही पूर्वके वर्षोंकी संख्या है।
मनुष्यसंख्या । मनहरन । छत्तिस अचारजके गुन तिहुँ गल्ल मुझे, __ पंचाचार उनतालतरम पावना। चौवन सदीव बंध तिरीन नामगृन्द.
पन्छेसर चौथे बंध जापाना | तीस तीन आयु नारे व पधागा . ___घाती' नादै गुन पनीम मन गाला। साल" तीन बैंगन का दो.
त्यागिन-भिमान PATI