________________
-वैसे ही ववहारेरणा (ववहार) 3/1 विणा (म)=विना परमस्युववेसरगमसपक [ (परमत्थ)+ (उवदेसण) + (असक्क)] [ (परमत्य)-(उवदेसण) 1/1 ] असक्क (असक्क) विषि कृ
111 पनि 4 ववहारोऽ भूदत्यो [ (ववहारो)+ (अभूदत्थो) ] ववहारो (ववहार)
1/1 अभूदत्यो (प्रभूदत्य) 111 वि भूदत्यो (भूदत्य) 1/1 वि देसिदो (देस) भूकृ Iदु (अ) ही सुखरणनो [ (सुद्ध) वि(ग) 1/1) ] भूदत्थमस्सिदो [ (भूदत्थ) (प्रस्सिदो) ] भूदत्य (भूदत्य) 2/1 अस्सिदो (अस्सिद) 1/1 भूक अनि खलु (अ)=ही सम्मादिट्ठी (सम्मादिट्ठी) 1/1 वि हदि (हव) व 3/1 अक जीवो
(जीव) 11 5 सुद्धो (सुद्ध) 111 वि सुद्धादेसो [ (सुद्ध)+ (प्रादेस) ] [ (सुद्ध)
वि-(प्रादेम) 1/1 ] रणादव्वो (णा) विधि कृ 1/1 परमभावदरिसीहि । (परम) वि-(भाव)-(दरिसि) 312 वि] वयहारदेसिदा [ (ववहार)-(दस) भूकृ 1/2 ] पुरण (अ) और जे (ज) 1/2 सवि दु (अ)-ही अपरमे (अपरम) 7/1 वि ठिदा (ठिद) भूक 1/2 अनि भावे (भाव) 7/1 जो (ज) 1/1 सवि पस्सदि (पस्स) व 3/1 सक अप्पारण (अप्पारण) 211 अवद्धपुट्ठ [ (अबद्ध)+ (अपुट्ठ) ] [ (प्रबद्ध) भूक अनि-(अपुट्ठ) भूक 2/1 अनि ] अण्णय (अणण्ण) 2/1 वि स्वार्थिक 'य' प्रत्यय रिणयद (रिणयद) 2/1 वि अविसेसमसजुत्त
[ (अविसेस)+ (असजुत्त) ] अविसेस (प्रविसेस) 2/1 वि असजुत्त 1 (पीछे देखो 5) 2 कमी कभी सप्तमी के स्थान पर द्वितीया विभक्ति का प्रयोग पाया जाता है ।
(हेम-प्राकृत-व्याकरण 3-137) या मस्सिद' क्र्म के साथ कर्तृवाच्य में
प्रयुक्त होता है (माप्टे, सस्कृत-हिन्दी कोश)। चयनिका
[ 59