SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 83
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पद्मिनी चरित्र चौपई ] [ह समुद्र वर्णन दोहा जल भरीयो दरीयो घणो, उछलता उद्धान । कल्लोले कल्लोले थी, उदक वध्यो असमान ॥ १ ॥ मच्छ कच्छ माहि घणा, न सकें जाय जीहाज । न चले जोरो नीरस्युं, कीज्ये किसो इलाज ॥२॥ चिंता मन भूपति चतुर, स्युं कीजै जगदीस । वेलि महा वीहामणी, पूजें केम जगीस ॥३॥ पदमणि स्यु पाणीग्रहण, विचि वारिधि अति क्रूर । ऊखाणो साचो हुओ, वाघ नदी जल पूर ॥४॥ गुड़ मीठो ऊंडी नदी, आय मिल्यो ए न्याय । हिकमति सी वीजी हिवे, कीजें कोउ उपाय ॥५॥ योगी मिलन जावई आघो जेहवे, सेवक लीधो साथ । जोग पंथ साधइ जुगति, निरख्यो अउघडनाथ ॥ ६ ॥ काने मुद्रा कनक की, आसण चीता चर्म । लगाय विभूति तप जप करें, ते साधे शिव धर्म ॥७॥ ৭ হাম
SR No.010707
Book TitlePadmini Charitra Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1953
Total Pages297
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy