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गोरा बादल कवित्त गज बदन गणपति नमू, माहा माय बुधि देय । गुण गूथू गोरल का, जस वादल जपेय ।।१।। चहुआणा कुलि ऊपना, गोरउ अरु गाजन्न' । चित्रकोटि गढ उदया, राउ रत्नसेन मनि रंग ॥२॥ सउहड सिरोमणि निर्मयउ, गाजन मूअ वादल्ल । वरस वीस त्रणि अग्गलउ, भड सूरतांणा सल्ल ॥३॥ दल असंख जिणी गंजीया, असपति मोड्या माण। राखी सरण पद्मावती', बंध छोडायउ राण ॥४॥ काका भत्रीजा बिहुँ, गोरउ अरू वादल्ल । पद्मनी काजि भारथ कीउ, हडमत जिम सर मल्ल ।। ५॥ सोहड सुभट वादल करी, असी न करसी कोय । सोहड़ा सोह चढावीय, गोरा बादल दोय ॥ ६॥ गढ डीली अलावदी, चित्रकोट गहलउत । पद्मणि कारिज साधीयउ, कहसूतेह चरित्र ।।७।।
कवित्त चित्रकोट कैलास, वास वसुधा विख्यातह,
रत्नसेन गहलोत, राय तिहा राज करंतह । १ बादल । २ पद्मणि काज मारथ कीयउ ।