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________________ २०८] [ पद्मिनी चरित्र चौपई ॥ संवत् अठारेसै १८२३ वर्षे मिती भाद्रवा बद ८ दिने लिपी कृतं । वाचणवाला कुं धरमलाभ छै । लिखतं मकसुदाबाद मध्ये लपि ऋतं ॥ श्री ॥ श्री ॥ [पत्र ४८ जैनभवन, कलकत्ता (३) गाथा दूहा सोरठा, सोल अधिक से आठ । कवित दूहा गाथा मिल्यां, सुणो सुगुरु मुख पाठ ॥१॥ ढाल सरस गुणचालसुं श्लोक तणी संख्या एकादश शत अधिक छ, पंचासत नइ सात, अनुमाने लालचंद कहइ ॥ इति पदिमनी चौपाई संपूर्णम् । सकल पंडित शिरोमणि पं० श्री १०५ श्रीराजकुशल गणि शि० ग० ऋषमकुशल लिखितं आमेट नगरे संवत १७५८ वर्षे । [ओरियण्टल इंस्टीच्यूट बडौदा प्रति न० ७३३ की नकल गुलावकुमारी लाइब्रेरी कलकत्ता में ]
SR No.010707
Book TitlePadmini Charitra Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1953
Total Pages297
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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