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________________ पद्मिनी चरित्र चौपई] [४३ चित्तौड़ पर चढ़ाई ढाल (१) राग-आसा सिन्धू भणइ मन्दोदरी दैत्य दसकंध सुणि एह कडखा री चाल चढयो अलावदी साहि सवलं कटक, सकज सिरदार भड साथ लीधा । मीर बडवीर रिणधीर जोधा मुगल, सलह कारी सावता तुरत कीधा ॥१॥चा इन्द्र ने चद्र नागेन्द्र चित चमकीया, धडहड्यो शेप ने लचकि किचकीचकर पीठ कूरंमतणी,, __हलहलें मेरु दिगदत कूज ॥२॥०॥ आवियों साहि चित्रोडरी तलहटी, लाख सतवीस उमराव लीधा। गाजती राजती जाणीइं गज घटा, __ आप करतार नवी पार लीधा' ||३|चा तरणि छिप गयो रयणि जिम तारिका, खलकि खुरताल पाताल पाणी । गुहीर नीसाण धन घोर जिम घरहरे, हलहिवे वेग ल्यो हिंदुवाणी ॥४॥ गजा सिर धजा बहू नेज वाला करी, उरमि मुरमि रहें पवन बाधो। हयवरा गेवरा उमरा सातरा, आप करतार नवी पार लाधो ॥शाच॥ १ ममत गजरान गजगाह कीधइ
SR No.010707
Book TitlePadmini Charitra Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1953
Total Pages297
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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