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________________ : नेमिनाहचरिउ . . [:५६६ कह व भुय-वल-दलिय-रिउ-कुलह । तुह नाह विरहिण भुवणु विविह-खुद्द-विदविउ हविहइ । कु व अ-सरणु विलविरह एहि तस्स्नु उवयारु करिहइ ॥ . : .. इय विलवंत परिभमिय सयल ति जा छम्मास । विगय-त्ताण अणाह परिमिल्लिर-गुरु-नीसास ॥ [७६७]] राय-रिसिण वि तियस-गिरि-सिहरथिर-चित्तिण सीह-अवलोइएण वि हु ति न निरिक्खिय। । तयणंतरु निय-नियय- ठाणि पत्त अच्चत-दुक्खिय ।। राय-रिसी वि हु पुध-कय- भोग-हलिय-कम्मति । . . . एगागी उज्जय-हियउ, चरणि जणिय-जम्मंति ॥ . . . . . - [७६८] . . . . . विहिय-छहह तवह पज्जंति . . गुरु-वयणिण अन्नयरि ठाणि गंतु विहरंतु मह-रिसि। पुन्यज्जिय-असुह-निय- कम्म-सेस-उदयम्मि असरिसि ।।. गोयर-चरियहं परिभमिरु कत्थ वि भवणि लहेइ । छेलिय-तक्किण उल्लियउ वीणाउरु भुंजेइ ॥ .. [७६९] ., तयणु वेयण सीसि तणु-दाहु उक्कोउ पुणु लोयणहं कुच्छि-सूलु पाउम्मि अरिसय । वच्छ-त्थलि तोडु करि कंपु पाय-मूलेसु रप्फय ॥ पुट्टि जलोयरु कंधरहं गंड-माल खय-काल । पाउन्भुय सव्यंगि पुणु कुट्ट-व्याहि कराल ॥... ७६७. ७. क. कंमंति.
SR No.010685
Book TitleSantukumar Chariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1974
Total Pages197
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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