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Saranshaility hug और अमल
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युगवीर - निबन्धावली
सिसक रहे हैं - वास्तवमें इनकी हालत बडी ही करुणाजनक है । जब तक जेनी लोग इन अत्याचारोंको बद करके अपने पूर्व पापोंका प्रायवित्त नहीं करेंगे तब तक वे कदापि इस देवकोपसे विमुक्त नही हो सकते, उनका अभ्युत्थान नही हो सकता और न उनमें जीवनीशक्तिका फिरसे सचार ही हो सकता है ।
आशा है हमारे जैनीभाई इस लेखको पढ़कर अपने अत्याचारोकी परिभाषा समझेंगे और उनके भयकर परिरणामको विचार कर शीघ्र ही उनका प्रायश्चित्त करनेमे दत्तचित्त होगे ।