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________________ [293] चन्द्राचल :- हिमालय के एक शिखर भाग का नाम। यहीं से चन्द्रभागा का उदगम होता है। गङ्गा :- यह नदी गढ़वाल के गंगोत्री नामक स्थान से दो मील ऊपर बिन्दुसर से निकलती है। सिन्धु :- उत्तरी भाग की प्रसिद्ध नदी। सरस्वती :- उत्तरी भारत की सरस्वती थानेसर और पृथूदक (पिहोवा) के पास बहती हुई विनशन में लुप्त हो जाती है। शतद्रु :- पंजाब की सतलज नाम से प्रसिद्ध नदी। चन्द्रभागा :- पंजाब की प्रसिद्ध चिनाव नदी। यमुना :- गढ़वाल के पहाड़ों में प्रसिद्ध कलिंद अथवा यमुनोत्तरी से निकलने वाली नदी। इरावती :- पंजाब की प्रसिद्ध रावी नदी। लाहौर नगर इसी नदी के तट पर बसा है। वितस्ता :- पंजाब की प्रसिद्ध झेलम नदी। विपाशा :- पंजाब की प्रसिद्ध व्यास नदी। कुहू :- सिन्धु की सहायक काबुल नदी, जो कोहीबाबा पहाड़ के नीचे से निकलती है। मध्यदेश मध्यदेश के जनपदों. पर्वतों नदियों का आचार्य राजशेखर ने नामोल्लेख नहीं किया है क्योंकि वे अत्यन्त प्रसिद्ध थे। [आचार्य राजशेखर द्वारा निर्दिष्ट सम्पूर्ण भारत के पाँच विभागों के जनपदों, पर्वतों तथा नदियों के आधुनिक नामों की जानकारी के लिए काव्यमीमांसा (बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, पटना) के परिशिष्ट भाग-2 तथा भारतीय इतिहास कोश (सच्चिदानन्द भट्टाचार्य) का आधार ग्रहण किया गया है।] 1. तत्र ये देशा: पर्वताः सरितो द्रव्याणामुत्पादश्च तत्प्रसिद्धिसिद्धमिति न निर्दिष्टम्। (काव्यमीमांसा - सप्तदश अध्याय)
SR No.010645
Book TitleAcharya Rajshekhar krut Kavyamimansa ka Aalochanatmaka Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKiran Srivastav
PublisherIlahabad University
Publication Year1998
Total Pages339
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size28 MB
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