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________________ [292] कुलूत :- वर्तमान काँगड़ा जिले की कुलू तहसील। कीर :- पंजाब का बैजनाथ या कीरग्राम। पश्चिमोत्तर प्रदेश की कीर्थर पर्वत श्रेणी के आस पास का स्थान। तंगण:- गढ़वाल के उत्तर का जनपद। तुषार :- बंक्षु नदी का तटवर्ती स्थान । तुरुष्क :- पूर्वी तुर्किस्तान। बर्बर :- सिन्धु नदी के पश्चिम तट पर भारत की पश्चिमोत्तर दिशा में बर्बरीक और बर्बरी नाम से स्थित है। बलूचिस्तान का उत्तरी भाग। हरहूख :- यह सिन्धु नदी और झेलम का मध्य भू-भाग प्रतीत होता है। हुहुक :- कश्मीर का उत्तरी भू भाग। सहुड :- पश्चिमी अफगानिस्तान का एक भाग। हंसमार्ग :- यह कुमाऊँ से कैलास के मार्ग में आने वाला प्रसिद्ध नीतिदर्रा है जो भारत को तिब्बत से मिलाता है। रमठ :- सिन्धु नद के उत्तर में रौमक पर्वत है, जो साल्ट रेंज कहा जाता है। इस नमक के पहाड़ के समीप रमठ नामक स्थान है। करकण्ठ :- यह कराकोरम पर्वत की घाटी में है। हिमालय :- भारत और तिब्बत के बीच की पर्वत श्रृंखलाओं का नाम है। कलिंद :- हिमालय पर्वत श्रेणी का एक भाग, जहाँ से यमुना का उद्गम होता है। गढ़वाल के पहाड़ों में प्रसिद्ध यमुनोत्तरी यही है। इन्द्रकील:-हिमालय का एक शिखर।
SR No.010645
Book TitleAcharya Rajshekhar krut Kavyamimansa ka Aalochanatmaka Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKiran Srivastav
PublisherIlahabad University
Publication Year1998
Total Pages339
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size28 MB
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