________________
[286]
कपिशा : यह वर्तमान उड़ीसा प्रान्त के सिंहभूमि जिले की सुवर्णरेखा या कसया नदी के
नाम से विख्यात है। इसका उद्गम ऋक्ष पर्वत से है ।
दक्षिणापथ :- माहिष्मती के आगे दक्षिणापथ है।
:
दक्षिणापथ के जनपद महाराष्ट्र, माहिषक, अश्मक, विदर्भ, कुन्तल, क्रथकैशिक, सूपरक, काञ्ची, केरल, कावेर, मुरल, वानवासक, सिंहल, चोल, दण्डक, पांड्य, पल्लव, गाङ्ग, नाशिक्य, कोङ्कण, कोल्लगिरि, वल्लर आदि जनपद दक्षिणापथ में हैं।
दक्षिणापथ के जनपदों की वर्तमान स्थिति :
महाराष्ट्र :- गोदावरी के ऊपरी भाग से कृष्णा नदी तक का विस्तृत भू-भाग है। माहिषक :- नर्मदा के निचले भाग का स्थान, जिसकी राजधानी माहिष्मती नगरी थी। अश्मक :- गोदावरी और माहिष्मती नदी के मध्य का भू-भाग, जो विदर्भ का एक भाग था । विदर्भ :- वरदा नदी विदर्भ को दो भागों में विभक्त करती है। उत्तरी भाग का प्रधान स्थान अमरावती और दक्षिण का प्रतिष्ठान या पैठन है। आधुनिक नाम बरार ।
कुन्तल :- वर्तमान हैदराबाद की वायव्य दिशा का भू-भाग इसके अन्तर्गत था ।
क्रथकैशिक :- वर्तमान विदर्भ का भाग ।
सूर्पारक : कोंकण में स्थित यह स्थान थाना (ठाणा) जिले का प्रसिद्ध सोपारा नामक जनपद
है।
काञ्ची:- पालार नदी के तट पर बसा काञ्चीपुरम् अथवा कॉंजीवरम् ।
केरल : दक्षिण का मालाबार प्रान्त ।
कावेर :- कावेरी नदी के तट पर बसे कुछ जिलों का भू-प्रदेश।
मुरल :- केरल से अपरान्त तक सह्य पर्वत के आस-पास फैले हुए भू-भाग का नाम मुरल है। यह मुरला नदी के तट पर बसा है।