SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 229
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [222] विसंवादिनी दो प्रकार की कहलाती है। उसी अर्थ में अतिरिक्त समान वैशिष्ट्य जोड़ना संवादिनी चूलिका है और उसी अर्थ में अतिरिक्त विपरीत वैशिष्ट्य जोड़ना विसंवादिनी चूलिका है। विधानापहार : जिस बात का किसी कवि ने निषेध रूप से निबन्धन किया हो उसी अर्थ का विधान रूप से उल्लेख विधानापहार नामक भेद है।। माणिक्यपुञ्ज : बहुत सी रचनाओं के अर्थो को जहाँ एक ही रचना में ग्रहण किया जाए वह माणिक्यपुञ्ज है। कन्द : एक अर्थ को उसके अङ्कर रूप विशेष प्रकारों से चित्रित करना कन्द है। तुल्यदेहितुल्य अर्थ में मूल अर्थवस्तु में भेद होने पर भी पूर्व अर्थ में अत्यन्त सदृश वर्णन उसे पूर्व अर्थ जैसा ही प्रतीत कराता है। किसी पूर्व कवि की रचना से अत्यन्त वर्णन सादृश्य होने पर भी परवर्ती कवि का प्रतिभा द्वारा किया गया संस्कार तथा प्रतिभोत्पन्न चमत्कार उसमें अवश्य उपस्थित होता है-इसी कारण यह तुल्यदेहितुल्य अर्थहरण भेद उल्लेखनीय है तथा इसी कारण सर्वथा ग्राह्य और स्वीकार्य भी। तुल्यदेहितुल्य अर्थ में पूर्व अर्थ ही ग्रहण नहीं किया जाता बल्कि पूर्व अर्थ से अत्यन्त सदृश अर्थ ग्रहण किया जाता है-अत: इसे अर्थहरण भेद मानने की अपेक्षा आनन्दवर्धन द्वारा मान्य अर्थसादृश्य भेद मानने का ही अधिक औचित्य है। किन्तु राजशेखर द्वारा उसके अर्थहरण रूप में मान्य होने की समीचीनता इस दृष्टि से है कि यद्यपि इसमें पूर्व अर्थ ग्रहण नहीं किया जाता फिर भी पूर्व अर्थ का किञ्चित् भाव अवश्य ग्रहण किया जाता है। इस कारण इसे अर्थसादृश्य तथा अर्थहरण दोनों के ही भेद रूप में स्वीकार करने का औचित्य है। फिर भी इसे अर्थहरण का भेद न कहकर भावहरण का भेद 1 निषेधस्य विधिना निबन्धो विधानापहार: 2 बहूनामर्थानामेकत्रोपसंहारो माणिक्यपुञ्ज : 3 कन्दभूतोऽर्थः कन्दलायमानैर्विशेषैरभिधीयत इति कन्दः। काव्यमीमांसा - (त्रयोदश अध्याय) मे सभी
SR No.010645
Book TitleAcharya Rajshekhar krut Kavyamimansa ka Aalochanatmaka Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKiran Srivastav
PublisherIlahabad University
Publication Year1998
Total Pages339
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy