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________________ 'काव्यमीमांसा' में कविसमय के भेद : कवियों द्वारा परम्परारूप में स्वीकृत सिद्धान्त रूप कविसमय के तीन भेद स्वीकृत हैं- भौम कविसमय, स्वर्ग्य कविसमय तथा पातालीय कविसमय ।1 भौम कविसमय के जाति, गुण, क्रिया और द्रव्य रूप चार भेद हैं। इन भेदों के पुनः तीन भेद हैं कविसमय भौम जाति -सत् का अनिबन्धन |-असत् का निबन्धन - नियम स्वर्ग्य [175] द्रव्य -सत् का अनिबन्धन -असत् का अनिबन्धन - नियम पातालीय क्रिया - सत् का अनिबन्धन -असत् का अनिबन्धन - नियम गुन -सत् का अनिबन्धन -असत् का अनिबन्धन - नियम 1 स च त्रिधा स्वग्य भौमः पातालीयश्च स्वर्गपातालीययोर्भीमः प्रधानः स हि महाविषयः स च चतुर्द्धा जातिद्रव्यगुणक्रियारूपार्थतया । तेऽपि प्रत्येकं त्रिधा असतो निबन्धनात् सतोऽप्यनिबन्धनात् नियमतश्च । काव्यमीमांसा - ( चतुर्दश अध्याय)
SR No.010645
Book TitleAcharya Rajshekhar krut Kavyamimansa ka Aalochanatmaka Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKiran Srivastav
PublisherIlahabad University
Publication Year1998
Total Pages339
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size28 MB
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