________________
व्यापृत
व्यावट प्रतिमा
पटिमा प्रथम
पठम पथिवी.
पठवी (पथवी भी) दाह
डाह द्वैध (सन्देह)
द्वेल्हक शकुन
सकुण (७) पालि में मध्य-स्थित व्यंजनों के अन्य उच्चारण-सम्बन्धी परिवर्तन इस प्रकार हैं
(अ) कहीं-कहीं सं० तालव्य स्पर्शों के स्थान पर पालि में दन्त्य स्पर्श होते हैं। चिकित्सति
तिकिच्छति जाज्वल्यते
दद्दल्लति (आ) कहीं-कहीं मूर्धन्य के स्थान पर दन्त्य होते हैं-- डिडिम
देण्डिम (दिण्डिम भी) (इ) कहीं-कहीं द् के स्थान पर र् होता है-- एकादस
एकारस (एकादम भी)
ऐरिस (एदिस भी) ईदृक्षा
एरिक्खा (एदिक्खा भी) (ई) कहीं-कहीं न के स्थान पर ल या र् होता है--
एनः (अपराध) एल नेरंजना
नेरंजरा (उ) कहीं-कहीं ण् के स्थान पर ल होता है--
वेळ मृणाल
मुळाल (ऊ) र के स्थान पर ल अधिकतर होता है । आदि-स्थित र् के ल में
परिवर्तन के उदाहरण पहले दिये जा चुके हैं । मध्य-स्थित र के ल में परिवर्तन के कुछ उदाहरण ये हैंएरंड
एलंद तरुण
तलुण (तरुण भी)
ईदृश
वेणु