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मुंहता नैणसीरी ख्यात ताहरां सिखरैजी कह्यो-'हालो।' ताहरां ऊदो बोलियो-'मेळे सारीखा रजपूतरा समचार रड़वड़ता जावै, ताहरां कासू कोई जाणसी ? हं जायन मेळेरी पाघ देय आवीस 12
ताहरां ऊदो पाघ लेयनै चालियो। जाय, मेळेरै गांम पुहंतो। आगै मेळेरो बेटो कोटडी मांहै बैठो छ। घूधरियां पलै घातियां छै ।* आपरा रजपूत सारा बैठा छ। ताहरां ऊदो जायन कोटड़ीरै बारण ऊभो छ । ताहरां ऊदो बोलियो-'कुण ठाकुररी कोटड़ी छ ?? ताहरां रजपूत बोलिया-'मेळाजी सेपटारी कोटड़ी छ ।' ताहरां ऊदो बोलियो । कह्यो-'ठाकुरां ! आ मेळाजीरी पाघ छै, मेळोजी काम आया ।' सिखरैजोरै हाथरा घावां ठाकुर काम आयो छ ।' साकारिया छै म्हां । आ पाघ छै ।' ताहरां मेलेरो बेटो बोलियो'राज ! वैर म्हां थासू कोई छै नही, वैर सारीखो हुवो छ ।1 मेळो अन्याई हुरो हुतो, मेळे आपरो कियो पायो।12 राज पधारो, मांहर वैर कोई छ नही ।13
ताहरां ऊदै कह्यो-'अ कुण-कुण ठाकुर छ ?14 कह्यो-'जी, ओ15 मेळोजीरो बेटो छ। झै दूसरा भाई छ । बीजा' रजपूत छ ।' ताहरां ऊदोजी बोलिया-सिखरैजीरी बेटी मेळेजीरै बेटैनूं
1 मेले जैसे राजपूतका मृत्यु-सदेश इधर-उधर भटकता हुआ (उसके घर पर) पहुंचे, तब कोई क्या जानेगा? 2 मैं जाकरके मेलेकी पघड़ी दे पाऊगा। 3 जाकरके मेलेके गांव पहचा। 4 पल्लेमे घूघरिया डाले हुए हैं। (घूघरिया=उवाले हुए गेहूं और चनोका एक नाश्ता ।) 5 अपने (उसके) सभी राजपूत (भी पासमे ) बैठे है। 6 तव ऊदा जाकरके कोटड़ीके द्वार पर खड़ा है। 7 किस ठाकुरकी यह कोटडी है ? 8 यह मेलाजीकी पाघ है, मेलाजो काम आ गये हैं। 9 सिख रेजीके हाथोके घावोसे ठाकुर काम पाया है। 10 हमने अग्नि-सस्कार कर दिया है। II श्रीमान् । तुमारे हमारे अब कोई वैर नहीं है। वैर वरावर हो गया है। 12 मेला अन्यायी हो गया था सो उसने अपने किये का फल पा लिया। 13 आप पधारे, हमारा आपसे कोई वैर नही है । 14 ये (यहाँ बैठे हुए) कौन-कौन ठाकुर हैं। 15 यह। 16 ये। 17 दूसरे । 18 सिखरेजीकी वेटी मेलेजीके वेटेको दी (संवध किया।)