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पीढियांरी हकीकत
१. पाट बैठा त्यांरा' नांम १. रांणो भीमसी
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भीमसी दस सहस मेवाडरो धणी । तिणरो बेटो चाँदरो । तिणरै पेटरा चंद्रावत कहीजै । उतन रामपुरो । रांणो भीमसी मेवाड़रो धणी । राणाजीरी पीढियांमें रांणो भीमसी पीढी ११८ मांहै छै ।"
२ चांद सिसोदियो
चांदरो रांणा भीमसीहरो बेटो | चांदरारा पोतरा ठाकुर गढपति हुआ । तिणरा चंद्रावत कहीजै । "
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३. सिसोदियो साजन चांदरारो बेटो
चांदरा पछै पाट बैठो । साजन बेटा २ हुआ। जांझण टीकायत । छाजू छोटो बेटो ।
४. सिसोदियो छाजू साजनरो बेटो
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छाजू भोमियो को धरती मां रहतो हुतो पठार गांवां ।' ५ राव सिवो
छाजूरो बेटो ठाकुर हुआ। मांडवरै पातसाह हुसग गोरीरो चाकर हुआ। प्रतरीरो परगनो पायो । गांम १४०० पाया । रावाईरो किताव पायो । 10 राव सिवैसू राव कहांणा । 22 कुंवर पृथ्वीराज रांणा रायमलरा बेटासू वडी वेढ कीधी | 12
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I उनके । 2 भीमसी दस सहस्र मेवाड ( के गावो ) का स्वामी । 3 जिसके वशज चंद्रावत कहे जाते हैं । वतन (निवास) रामपुरा । 5 राणाजीकी पीढियोमे राणा भीमसी ११८वी पीढीमे है । (वात चन्द्रावतारी पृ० २३६ मे ११८ पीढीके वाद राणा भवराणसी [भीमसी ] का होना बताया है | ) 6 चादराके पौत्र ठाकुर गढपति हुए । 7 जिसके वशज चन्द्रावत कहे जाते हैं । 8 जारण 9 छाजू देशके पठारके गावो में भोमियाकी स्थितिमे रहता था । 10 रावाई (राव) का खिताब पाया । II राव शिवासे राव कहलाने लगे । 12 कुवर पृथ्वीराजने राणा रायमलके वेटेसे बड़ी लडाई लडी |
टीकायत हुआ ।