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मुहता नैणसीरी ख्यात
६. राव रायमल
सिवारै पाट बैठो | मांडवरी पातसाही निबळी पड़ी ने रांणैरी वडी साहिबी । तरै राणे कूभै रायमलनू दबायो । चाकर कियो । " राव रायमल जाय राणेसू मिळियो ।
७ राव श्रचलो रायमलोत
पछै अचळो पाट बैठो। अचळ रांणे सांगेरी चाकरी कीधी । राणारा थको हुआ। रांणो सांगो वडो प्रतापीक हुयो । माडव दिलीरी धरती दबायनै लोधी । *
८. राव दुरगो
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अचळारे पाट दुरगो बैठो । वडो देसोत हुआ । वडो ठाकुर हुम्रो । राव दुरगो जोरावर थको रहै । रांणास मिळे नही । रांणा नै राव दुरगै ग्रापसमे वांणक को नही ।' नै रांणैरी वडी साहिबी । ताहरा दुरंगी दिलीरा पातसाह अकबरसू जाय मिळियो । चाकर हुयो । राव दुरगो पातसाह अकबररी वार माह कारणीक ठाकुर हुम्रो । रामपुरा ऊपर च्यार ठोड पातसाह वीजी दीधो । राव दुरगं श्रातरीरो कसबो छाड नै नवो कसबो वसायो, रामपुरो नाव दियो ।
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६. राव चंदो
राव दुरंग पाट बैठो ।
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१०. नगजी
नगजी राव चदैरो टीकायत बेटो थो, सु कुवरपदे राव चदै जीवतां हीज मुवो।"
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I माडवकी वादशाही निर्वल हुई उस समय राणाकी वडी साहिवी हुई । 2 तब राणा कुभेने रायमलको दवा कर अपना चाकर बनाया । 3 चलाने राणा सागाकी चाकरी की । राणा के आधीन हुआ । 4 मांडव और दिल्लीकी धरती दवा कर ले ली । 5 वडा देशपति हुआ । 6 राणा और राव दुर्गाके परस्पर मेल-जोल नही । दुर्गा वादशाह श्रकवरके समयमे बडा प्रतिष्ठित ( प्रामाणिक ) ठाकुर हुआ । 8 रामपुरा के अतिरिक्त चार ठौर (परगने) और बादशाहने दीं । 9 राव दुर्गाने तरीका कस्वा छोड़ कर नया कस्वा वसाया, उसका नाम रामपुरा दिया । 10 नगजी राव चदेका टीकायत बेटा था सो राव चदाके जीतेजी कुवरपदे ही मर गया ।
7 राव