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________________ २४२ ] __ मुंहता नैणसीरी ख्यात तथा २ गांम मिळसियाखेडी छै, तठे छाजू अापरा हसम थाट लेने यायो।मिळसियाखेडी आसरा बाधिया । हसम थाट जगळ मांहै ढवै ! बडी ठोड। छाजू, सिवो वडा रजपूत, नै कनै वडो वित', तिण घर २० तथा २५ रजपूतारा वसाया। वडी वसती हुई। कसबो प्रांतरी वडो सहर छ, नै सहर माहै वडो महाजन हुंतो। सो कसबा माहै चोर घणा लाग। पातसाही किरोडीरो परगना माहै भोमियां वीच अमल को नही ।' महाजन चोरी कर वडा दिलगीर । तिण ऊपर महाजना विचारियो-'किरोड़ीमे घणी वरकत काई नही ।' नै सीसोदियो छाजू, सिवो चंद्रावत, अ वडा रजपूत छ, नै वडा भोमिया छै, यांन गांवरो सांसर सपा तो त्रै जतन करै ।10 ताहरां महाजनां विचारनै छाजूसू वात कराई । वात छाजू कबूल कीवी । महाजना रुपियो १) रोजीनो सांसररो कर दियो ।11 क्युही जायै-परणिये कर दियो । छाजूनै सिवो बाप बेटो कसबारी टहल करै । पाखती भाईवध छाजूरा भोमिया था, तिणांरा चोर कसबानू लागता सु छाजू मनह कराया ।13 वार वार चोरी कीवी थी, तिणां पापडनै मारिया ।14 सु उठासू ही हद पड गई।15 कसबै महाजनांनू वडो चैन हुवो। छाजू सिवैरो मामलो भारी पडियो। । सो नदीसे एक या दो कोस पर जहा मिलसियाखेडी नामका गाव है, वहा छाजू अपने चौपद-समूहको लेकर पाया। 2 मिलसियाखेडीमे झोपडे बनाये। 3 सपूर्ण ठट्ठ (थाट) जगलमे निभ सके ऐसी वडी ठौर। 4 और पासमे वडा गो-धन (चौपद-समूह)। 5 और शहरमे महाजनोकी वडी वस्ती थी। 6 स्वेमे चोर बहुत लगते थे। 7 वादशाही करोटीके परगनेमे भोमियोके ऊपर उसका कोई अमल नही । 8 महाजन लोग चोरियो के कारण वडे दुखी। 9 करोडीमे कोई योग्यता नही। 10 इनको गावकी रक्षाका भार सौंप दें तो ये प्रबन्ध कर देंगे। II महाजनोने प्रतिदिनका एक रुपया चोरो से रक्षाको जिम्मेवारीका कर दिया । 12 जन्म और विवाह पर भी कुछ लगान वाघ दिया। 13 पास-पडोसमे छाजूके भाई-बन्धु भोमिये थे, उनके यहाके जो चोर कस्वे को लगते थे, उन्हे छाजूने मना करके रोक दिया। 14 और जो कई बार चोरियां कर चुके ये उन्हें पकट करके मारा। 15 सो फिर तो वहीसे चोरी करनेकी हद पड गई अर्थात उनके बाद कोई चोरी नही हुई।
SR No.010611
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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