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मुंहता नैणसीरी ख्यात
॥ चारण चाप सामोररा कहिया ।। सेलहयां देवडारण सह, गोराहां गीलाह । वाघोड़ा वगाह वरण, एको गोत इताह ।। १ सोनगरा हाडा सकळ, राखसिया निरवांण। चाहिल मोहिल खीचियां, एता सोह चहुवांण ॥ २'
I (१) सेलहथा सेलोत, (२) देवडाण = देवडे, (३) गोराहा = गोरा या गोराहा, (४) गीलाह = गीला, (५) वाघोडा-वाघोडे, (६) वगाह - वगा, (७) सोनगरा, (८) हाडा, (९) राखसिया, (१०) निरवाण, (११) चाहिल, (१२) मोहिल और (१३) खीची—ये सभी चौहान है। इनमेसे सेलोत, देवडे, गोराहे, गीले, वागोडे और बगा-ये एक गोत्रके है।
___चौहानोकी चौवीस शाखायें कही जाती हैं। यहा इन दो दोहोमे केवल १३ नाम आये है। इन दो दोहोमे दोहा प्रथमके वाद कदाचित एक दो दोहे और हो, जिनमे शेप शाखाग्रोका उल्लेख हो, परन्तु सभी प्रतियोमे ये दो दोहे ही प्राप्त है। ख्यात, भाग १, प० ८७मे चौहानोकी २४ शाखाप्रोकी जो सूची दी है, उसमे इन दोहोके गोराहा, वाघोडा, मोहिल और वगा-ये चार नाम नहीं हैं। ये नाम नैणसीकी निम्न सूचीके किन्ही नामोके पर्याय नही हो तो चौहानोकी शाखायोकी सख्या २८ हो जाती है। इन नामोके अतिरिक्त वागडिया (भाग १, पृ० ११७), पूरेचा (पृ० २२८), कापलिया (पृ० २४८) इत्यादि शाखाओके नाम और पीढ़ियोका विवरण ख्यातमे मिलता है। कायमखानी भी चौहानोमेसे ही निकले है। इस प्रकार शाखा-सूचीके नामोके अतिरिक्त कई शाखामोंके नाम और है अथवा शाखा-सूचीके अतिरिक्त जो नाम प्राप्त है वे या तो सूचीके नामोके पर्याय हैं या अतर शाखाये हैं। कर्नल टॉडने जो नाम दिये हैं, उनमे और इनमे भी बहुत अतर है । तुलनाके लिये दोनो सूचिया दे रहे हैंनणसी की सूची १ चहुवारण
१३ वेहळ २ सोनगरा
१४ बोडा ३ खीची
१५ बालोत ४ देवडा
१६ गोलासरण (गोळासणा) ५ राखसिया (साखसिया)
१७ नहरवरण ६ गीला
१८ वेस (वैस) ७ डेडरिया
१६ निरवाण ८ वगसरिया
-२० सेपटा ६ हाडा
२१ ढीमडिया १० चीवा
२२ हुरडा ११ चाहेल (चाहिल)
२३ माल्हण (म्हालण)
- १२ सेलोत
२४ वकट