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________________ १३४ ] मुहता नैणसीरी ख्यात ताहरां रामीनू आय कह्यो-'जु रिणमलजीसू चूक छै तू कहि, नीसरो।'1 ताहरां रामी आयनै रिणमलजीन कह्यो-'थे नीसरो, था सू चूक छै । ताहरां रिणमलजी ऊपर घावड़िया आया । ताहरां रिणमलजी नीसर गया। ताहरा सासू कह्यो-'म्हारारी ऊपर राखै ।' __ पछै रिणमलजी घरै गया । सवै जायनै सोनगरासू वर मांडियो।' पण' सोनगरा हाथ पावै नही । तद सोमवाररै दिन सोनगरा आसापुरीरै देहरै प्राय गोठ करै, सोमवारिया अमल करें। अमलांसू छकै सु माचा घातियां सूता घोरावै । ताहरा हेक दिन हेरो कर सारां ही सोनगरानू माचा सूतांनू मारिया । मार अर नाडूळाईरै कोहर अखा वेरै माहि नांख दिया ।11 नीचे और सारांहीनू दिया ।12 ऊपर सगा साळानू दिया । कह्यो-'जी, सासूसू कौल छै, ऐ ऊपर देवो' कह्यो हुतो-'म्हारारो ऊपर करै, सु ऊपर देवो ।'15 पछै धरती सारी ही लीवी। __ पछै फेर राणे मोकलसू मिलण गया। रिणमलजी रांणा पास रहै । उठ रहितां चाचे सीसोदियै, महिपै पमार राणैजीसौ चक कियो। तद चूक रिणमलजी लाधो।" पण रांणैनू खबर काई18 नही पडी । हेक दिन चाचो, महिपो मलेसी डोडियेरै घरे गया। ___I तब रामीके पास आकर उसने कहा कि अाज रिणमलजीके साथ चूक है, तू उन्हें कह दे कि यहाँमे निकल जानो। 2 प्रार निकल जाओ, तुमारे साथ प्राज धोखा है। 3 घातक लोग। 4 रिणमलजी निकल गये 1- 5 मेरे वालोको सहायता करना। 6 अब मोनगरोंसे शत्रुता ठानी। 7 परन्तु । 8 प्रति सोमवारको आशापुरी देवीके मदिर जाकर दावतें करते हैं और नियमित रूपमे प्रति सोमवार वहाँ अफीम गोष्ठी करते हैं। 9 अफीमके नगमे चूर होकर खाटोमे सोये हुए खुरटि मारते है । 10 माचो पर सोते हुप्रोको मार डाला II मार करके नाडूलाई के घाखा-वेरे नामक कुएँ मे डाल दिये। 12-13 दूसरे सभी को तो सबके नीचे डाला और सगे-सम्बन्धियो और सालोको सबके ऊपर डाला। 14 कहा कि सासूसे कोल किया है नो इनको ऊपर देयो। IS सामने कहा था कि हमारे बालोंको ऊपर करना प्रत. इनको सबके ऊपर देयो। 16 वहा रहते थे, उस ममय चाचा मिसोदिये और महिपा पंवारने राणाजीसे चूक करनेका विचार किया। 17 रिणमलजीको इस चूकका भेद मालूम हो गया। 18 कुछ भी । 19 एक दिन चाचा और महिरा मलेसी डोडियाके घर पर गये ।
SR No.010611
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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