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________________ १२८ ] मुहता नैणसीरी ख्यात 2 कर लियो । इसो रजपूतांरो साथरो हुवो । उवै सावता ऊभा छं । 3 1 ताहरा राव चंद्रसेण घूघरोटरा पाहडां हुंतो " सु रावरो साथ आयो । आयनै देवड़ारो साथ सरब मारियो । इसड़ो' मामलो हुवो । जिकण दिनसूहीज' कलैरी सायवी' तूट गई । ताहरा सीधळांसू वेढ करी, तद कलो पनरै वरसारो हुतो । 8 माडरणरा पाटा बाधा । ऊवरियो । 20 सीनू मारियो । ॥ इति सोहे माडणरी वात सपूर्ण ॥ 1 राजपूतोने उसको नीचे दवा दिया । 2 राजपूतोंके सहारसे ढेर लग गया | 3 वे लोग सभी सकुशल खडे हैं । 4 घूघरोटके पहाडोमे था । S ऐसा । 6 उसी दिन से | 7 माहिवी । 8 सीबलोने लडाई की तब कला केवल १५ वर्षका था । मरहम-पट्टी हुई | Io बच गया । 9 माडणके
SR No.010611
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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