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मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ १२७ ___ तो काम आईस । ताहरां ऊ रजपूत वांस जायनै काम आयो । · हूक फूटो। मांडण कूपावत सीहो सीधळ मारियो। ___इतरैमे उदैसी पण सुणियो। ताहरां उदैसी कहियो-'मा जाड मांडणरी ! अम्हारी तळहटी सीहो मारियो ?' ताहरा मांडणरी बेटी उदैसीरो पलो झालनं कहियो-'थां कासू करणो ? आपरै वैर फिरै छै ? आपरै माथै दही दियो हुतो। ताहरां उदैसीन पलो पकड बैसाणियो।' ताहरां कहे-'साड मारूं मांडणरो (?) म्हांनं कुरजपूत किया !" ताहरा उदैसीरा रजपूत सारा कोटड़ी प्राण भेळा हुवा छै । ऊभा वाट जोवै छै सिलह किया । धणी प्राव अर चढा ।
तितरै सीहारी डीकरी निकळी, कह्यो-'रे कुरजपूतां! उवैरा जमाई छ । माडणरी बेटी रोकियो छै ।1 अर थांहीमे कोई रजपूतांणी-जायो छै, किना नही, इण कोटरी लाजरो रखवाळो ?'12
ताहरां ८२ घोडा पायगहरा छोडिनै एके घोडै बे-बे चढिया।13 आठ-वोसी जणां बगतरिया जाय पुहता।" उतर घोड़ाहूं नै घोडा तो छोड़ दिया । प्रागै प्राय साथरै दे हथवासै ढालां नै उतर पडिया, सारो साथ मारियो। कलो वीदावत काम आयो । ५० रजपूतांसू मांडणरो साथ काम आयो । माडण घावै पडियो।” रजपूतां हेठे
___1 में काम आ जाऊगा। 2 फिर वह राजपूत पीछे जाकर काम आ गया। 3 साश्चर्य वात फैली। 4 'माडणरी मा जाड' (एक गाली) हमारी तलहटीमे उसने सीहाको मार दिया? 5 तब माडणकी बेटी (उदयसिंहकी पत्नी)ने उदयसिंहके पल्लेको पकडकर कहा-~~-'तुमको क्या करना है ? अपनी दुश्मनीका बदला लेने को फिरते है ?
आपके माथे पर तो उसने दहीका तिलक निकाला है ?' 6 विठा दिया। 7 माडणके सांडको मारू गा । इसने हमको कलकित राजपूत बना दिया । 8 तव उदयसिंहके सभी राजपूत आकर कोटडीमे इकट्ठे हुए है। 9 सिलह किए हुए खडे प्रतीक्षा कर रहे है। 10 मालिक आ जाये और चढाई करे। I इतनेमे सीहेकी पुत्री निकल कर आई और उसने कहा-रे कुराजपूतो | वे तो उसके दामाद है अत माडणकी बेटीने उन्हें रोक दिया है। 12 और तुममे कोई राजपूतानीका जाया है कि नही जो इस कोटकी लाजका रक्षक हो? 13 तव घुडशालाके ८२ घोडोको खोल करके एक एक घोडे पर दो-दो जने सवार हुए। 14 १६० कवचधारी जा पहुँचे। 15 घोडोंसे । 16 और । 17 माडण घायल हुआ।