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________________ मुहता नैणसोरी ख्यात [ ११६ कह्यो-'वडो चौड़े पाडियो।' ताहरा थे जांणो नही, राव थांसू टळे नही ?'2 बीजै दिन लगती ही फोज आई । पछै बेऊ फोजांरी अणी मिळी । गोळी दारू छूट छै ।' ताहरां अरजन रायमलोतनू उवै" रजपूत बोल याद करायो । अर कहियो-'राज । थे कहता हुंता 'जुम्होटो बोल बोलियो छ,” सु तिका वेळा आज छ ।” ताहरां अरजनजी नगै भारमलोतरै मुंहडै आयो।' नै इतरैमें अखैराज वधनै रावरा हाथी हुता तिकार मुहडै आगै आयो । ताहरां अखैराज हाथियां दोळौ हुवो। ताहरां अखैराजरै घावसू हाथीरी दोय पासळी भागी।11 ताहरा अखैराज कहियो-'म्हारै तो प्रथीराजसौ काम छै ।' इतरै मांहै प्रथीराज बोलियो । कहियो-'खाटरा ! मोडौ क्यु आयो ?'12 ताहरा अखैराज बोलियो-'रावजीरा हाथियांरी चाकरी कीधी।' इतरै माहै प्रयागदास भैराकी चढियो थको आयो। घोड़ो सरवरतां थको हीज जैमलजीनू प्राय सलाम कीधी।14 इतर जैमलजी बोलिया-'पार्व प्रयागियो । इतरै वास्तै ईयेरा गुना ही माफ करतो थो। इतरै मांहै तो राव मालदेजीरी फोजरा माटी आया। अर प्रयागदासरै माथै माहै घावारी चौकडी पडी छ, अर उवै फोजांरो वांसो कियो।" इतरै मांहै जाय पहुतो अर बरछी तोली ।18 कहियो-'रावरै माथैमे धू ।' इतरै मांहै तो बरछी कसीसी।1' ताहरां ___I खूब चौडेमे धाडा डाला। 2 अब भी आप नही समझे कि राव प्रापसे टलेगा नहीं। 3 दूसरे। 4 फिर दोनो सेनाप्रोकी अनियें मिली। 5 गोलियें बारूद छूट रहे है। 6 उस । र सो वह समय आज है। 8 सम्मुख आया । 9 और इतनेमे अखैराज जहा रावके हाथी थे आगे बढ कर उनके सामने आया । 10 तब अक्षराजने हाथियोका पीछा किया । II अखैराजके घावसे एक हाथीकी दो पसलियां टूट गई । 12 खटरे । देरीसे क्यो आया ? 13 इतनेमे प्रयागदास ऐराकी घोडे पर चढा हुआ आया। 14 घोडे पर सवार और सरपट दौडते हुए पाकर जैमलजीको जुहार किया । 15 इतनेमे जैमलजी बोले--'प्रयाग आ रहा है। इसीलिये तो मैं इसके दोष माफ कर दिया करता था। 16 इतनेमे तो राव मालदेजीकी सेनाके मनुष्य आ गये। 17 और उसने फोजोका पीछा किया। 18 इतनेमे तो जा पहु चा और बर्थी उठाई। 19 इतनेमे तो वर्ची फिसल गई।
SR No.010611
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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