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मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ १०७ पोकरण प्रोहित परणियो हुतो ।' सो सासरै रहै। घर माहैसू निकळे नही, रात-दिन घर मांहै बैठो रहै। ताहरा सुसरो-साळा कहण लागा-'थे बाहिर निकळो नही, घर माहै बैठा रहो, सो किस वासते ? ताहरां प्रोहित कह्यो-'हूं नरैसू विढ अर आयो छू ।' ताहरां सासरियां राव खीवसू कह्यो-' म्हारो जमाई नरासौ विढ अर अठे पायो छै ।' ताहरां राव खीवै प्रोहितनू तेडायनै कह्यो-'थे नरैसू रीसाणा तो कासू हुवो ?' थे अठै आवो ।' दरबार माहै बैसो, कुवरसौ रमो।' खरची ल्यो। खुशियावळ थका रहो। एको घर छै ।11 कह्यो-'राज ! खरची रावळी12 हीज छै। अजू रावजी विराजै छ।13 बेटा घणा छ । रावजीर अकै नरै सारू कासू छै ?'14
जेठ मास माहै प्रोहित पण हेरो करण आयो, इस समइयै अांबली पण फळी हुती । जोगीरै पासण माहै हुती सु कुवर आवली पाइ चढै नै अांबली नित प्रत तोड़े। ताहरां चेलां बाळनाथनू कह्यो'कुंवर नांबली चढे, तोड़े।' ताहरां बाळनाथ आयो । बाळनाथरै प्रावणसौ कुंवर उतर गया। ताहरां बाळनाथ प्रांबली सरापी-'निर्फळ होणा । तुमसौ गढ जायगा । हमारे चेलांसू मठ जायगा । चेला हमारा घरबारी होयगा । यूं कहेनै बाळनाय चालतो हुप्रो दिखणाधनू" । प्राडा आदमी घणा ही फिरिया, पण घिरै नहीं।18
ईंदी जीमती ताहरां पेहली बाळनाथनू जीमण मेलती, पछै आप जीमती । सु नाथरो इसो भाव । युं करतां जीमण तयार हो,
___I पुरोहित पोकरणमे व्याहा था। 2 सो किस लिए? 3 मैं नरासे लड कर आया हूँ। 4 दामाद । ' 5 बुलवा कर । 6 तुम नरासे नाराज हो गये तो क्या हुआ ? 7 तुम यहाँ आ जायो। 8 दरवारमे वैठो, कुवरके साथ खेलो। " खर्चा हमारेसे लो। 10 बडे अानदसे रहो। II एक ही घर है। 12 अापकी। 13 अभी तक रावजी विद्यमान है। 14 रावजीके भी एक नरेके ऊपर ही थोडा ही है ? 15 जेठ मासमे पुरोहित जासूसी करनेको पाया था, उन्ही दिनो इमली भी फलित हो गई थी। 16 तव वालनाथने इमलीको शाप दिया कि 'निष्फल हो जाना' । और उन कुवरोको शाप दिया कि तुमसे गढ जायगा और हमारे चेलोसे यह मठ जायगा और चेले घरवारी (गृहस्थी) हो जायेंगे। 17 दक्षिणकी ओर। 18 परन्तु वापिस नहीं लौटता। 19 इंदी भोजन करने के पहले बालनाथको भोजन भेजती, फिर आप भोजन करती।