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मुंहता नैणसोरी ख्यात
८१ किण कनै जाऊं ? किण कनै पुकारूं ? तरै किणहीक उण डूं मनू कह्यो-“रावळ समरसी चीतोड़ छोड़नै आहाड़ आय बैठो छै। वड़ी जमियत छै कनै । थारी मदत हुसी तो उठासू हुसी। दूजो घर' तोनू को नहीं।"
तरै एकण दिन डूम घात देखनै उठासू उठ पाधरो आहाड़ . रावळ समरसी कनै आयो । डूम रावळ समरसीनू कहण लागो
"अठै वैठा कासू करो ? हू” कहू सो करो। थांनू वड़ोदतीरा चोरासी माराऊ।"
आगै समरसीरो मन नवी धरती लेणनू हूतो हीज° सु वात दाय आई10 । डूमनू हकीकत पूछी। डूम सारी वात कही नै कह्यो
"असवार ५०० सू वेगा चढो।" ... तद डूमनू साथे लेनै रावळ समरसी वडोदैनं चढ़ियो। अजांणजकरा जाय उतरिया। वडोदरै फळसे पागड़ा छाड़ नै11 अढाई सै आदमी जेल12 माहे राखिया नै आदमी २५० डूं मनं लेनै कोटड़ीनू चलाया। नै आदमी ४० तथा ५० प्रोळ ₹13 मं हडै बैठा था सु मारने आघा धसीया14 | घर मांहे चोरासी थो तठे डूं म साथै हुय वतायो। तरै चोरासीनं पण मारियो। आपरी आंण-दांण15 फेरी। नै कितरोहेक साथ नै ओ. डूम अठ राखियो। आप विचार दीठ, आ ठोड़ छोटी। अठै माहरो पूरो पड़े नहीं । तद डंगरपुररी ठोड़ भील आदमी हजार
पांचसू रहै छै । डूगरपुररी वडी ठाकुराई छै । तठै रावळ समरसीरो ... चाकर रहणन खोट16 कर आयो। पछै डूंगरसू मिळियो। डूगर पूछायो-"कहो राज ! क्यू आया ?" तरै रावळ समरसी कह्यो- .
म्हे चीतोड़ तो भाईनू दीनीनै जांणां छां कहेक रूड़ी ठोड माणस च्यार मास राखै। नै पछै म्हे कठीक रोजगारसूजावस्यां।
1 किसके। 2 घोड़े और और सरदारोंका एक समूह। 3 वहांसे। 4 दूसरा स्थान तेरे लिये कोई नहीं। 5 सीधा । 6 यहां बैठे क्या करते हो ? '7 में। 8 वडादका जागीरी इलाका (तुम्हारे द्वारा वड़ोदतीके चौरासियोंको मरवा दू)। 9 थाही। 10 यह बात पसंद आई 11 वड़ोदके द्वार पर घोडोंसे उतर कर । 12 अपने साथ । 13 द्वारके। . 14 आगे बढ़े। 15 अपनी आज्ञा प्रवर्त्त की । 18 दगा। .