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मुंहता नैणसीरी ख्यात . दिलीरै पातसाहरै के मांडवरै पातसाहरै जावस्यां । जितरै1 थे कठेक पग-ठोड़ दिखावो तो अठै आय रहां ।' तरै उण एक वोर तो कह्यो___"थे कालै चोरासी-मिलक मारिया । अवै म्हांनू थारो वेसास न आवै।"
तरै समरसी कह्यो
"चोरासी मारणसू म्हारै कांम को न हुतो। पिण डूम आय पुकारियो, तरै वा वात हुई। वा धरती डूम भोगवै छ । रावळे दाय आवै तो, राज रावळा आदमी मेल अमल करो । मांहरे उठे को न छै । मांहरै उण धरतीसू काम कोई नहीं।". ____ डूंगरसूंघणी लला-पतो' मिळाई। तरै डूगर रावळ समरसीनै राखियो । सु डूंगर भील भाखररी खभा हीमें डूंगरपुर वसायो छै, तठे रहतो । रावळनू डूंगर नेड़ी हीज ठोड़ पाधर' में वताई । तठे # आपणा गाडा आंण वसी12 सूधा3 छोड़िया । वाड़ वाळिया - टापरा15 किया । घणी चाकरी करनै डूगरनै राजी कियो । मास ५ तथा ६ हुआ, सु खरची गांठरो खाय । मांगै क्यू ही नहीं। नै मासखंड16 वळे आडो-पाड़17 नै डूगरसं कहाव कियो। कह्यो____ "म्हारै वेटी ४ मोटी हुई छै । हमैं म्हेई राज कनैं मास १ मांहे सीख करस्यां । पिण डावड़ियांरां हाथ पीळा18 किया न छै । सु फिकर छ । थे कहो तो डावड़ियां परणाइ लां।"
डूंगर कह्यो
"भली वात छै । वेटियां परणावो । म्हे ही हीड़ा करस्यां।" तद समरसी व्याह थापिया। भाई-बंध सगांनू कागद मेलाया-“फलांग 20 दिन घणो साथ लेने वेगा आवजो।"
1 जवतक । 2 पांव रखनेको स्थान । 3 विश्वास । 4 आपके। 5 पसंद । 6 भेजकर । 7 अधिकार । 8 हमारा उधर कोई नहीं है । 9 डूंगरसे बहुत सी चापलूसीकी बातें बनाई। 10 पहाड़की नाल और तलहटीमें । 11 खुला मैदान । 12 वशीवान सेवक । 13 सहित । 14 वाड़ (घेरा) बनाया । 15 झोंपड़े बनाये। 16 एक आध मास । 17 और बीचमें डालकर। 18 किन्तु अभी तक कन्याओंके विवाह नहीं किये हैं। 19 हम भी काम में मदद करेंगे। 20 अमुक ।