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मुंहता नैणसीरी ख्यात "डेरा करो, सवारै गाडांरो घंस लेस्यां, वांस जास्यां' ।" जैमल घणो कस मांहै कहै --"मुसालां घणी करो, मुसालां हाथियां ऊपर झालनै चढ़ो, वांस गाडांरै खड़ो ।" पग गाडांरा लेनै मुसालारै चानणे आप घुड़वैहल बैसनै वासै खड़िया, सु गाडांनूं गांव अटाळी, वधनोरतूं कोस ७, तठे जाय पोहता' । फोज नजीक आई । त, राव सुरतांणरी बैर सांखली कह्यो-"रतना भाई ! दीसै छै, वंध पड़ीजसी' । राणे कही थी सु हूती दीसै छै ।" तरै रतनै कह्यो"चीतोड़रो धणी प्रारंभरांम छै । करण मतै सु करै ।" या वात कहिनै सांखलै रतनै एकल असवार कटक सांमा खड़िया, अमल कियो,11 घोड़ारो तंग लियो, आधरै-आधरै आइ फोज मेवाड़री भेळो हुवो। रात आधी ऊपर गई छै । जैमल आकड़सादा नै सथांण वीच आवतो हुतो, घुड़हल बैठो। मेवाड़रा वीर सारा ऊंघता जाता छा । सांखलो रतनो मुसालारै चांनणे घुड़वैहल नजीक आयनै घोड़ो तातो करनै जैमल बोलायो, कह्यो-"राज ! सांखलो रतनो मुजरो करै छै ।" घोड़ो खुरी करने जैमलरी छाती माहै बरछीरी दी सु पैलै कांनै नीसरी13 । बरछी एक दोय वळे वाही । जैमल समार हुवो। कांम सीधो । पछै रांणारै साथ सांखला ..... रतनानूं पण मारियो ।
1 सभी बड़े ठाकुरोंने कहा-यहीं डेरे लगा दो, सवेरे गाड़ियो समूह लेकर पीछे जायेंगे। 2 जयमल अधिक क्रोधमें कहता है। 3 बहुतसी मशालें तैयार करो, मशालें पकड़ कर हाथियों पर चढ़ो और गाड़ोके पीछे चलायो। 4 पीछे चलाये। 5 जहां जाकर उन्हें पहुंचे। 6 स्त्री। 7 रतना भाई ! दिखता है कि बंधनमें पड़ जायेंगे। 8 राजाने कहा था सो ही होती दिखती है। 9 चित्तोड़का स्वामी जो चाहे सो करनेमें समर्थ है। 10 रतना अकेला ही सवार होकर सेनाके सामने गया। II अफीम लिया। 12 सावधानीसे धीरेधीरे आकर मेवाड़की सेनामें आ मिला। 13 घोड़ेको पिछले पावों पर खड़ा करके जयमलकी छातीमें वरछी ऐसी जोरसे मारी कि पीठकी ओर निकल गई। 14 एक दो वार बरछीके और कर दिये । 15 जयमल समाप्त हुआ। 16 काम सिद्ध हुआ। .