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मुंहता नैणसीरी ख्यात
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ले पैंडो वाढै । सु बाप कह्यो - "वेटो परणियो नहीं ।" तरै यूं करतां बाप-बेटानूं तीन ठोड़े परणायो' सु बेटो उण वातमें क्यूं समझ नहीं | तरै चोथी वेळा' वळै' वेटानूं परणायो । सुवहू वत्तीस लक्षणी हुती । सुमांटीनूं वैर पूछियो- "धांनं चार वेळा क्यं पराया ?" तर मांटी कह्यो - "म्हारे बाप मोनूं कह्यो - वाट वाढ़ो।” तर बहू कह्यो - " बाटरी थांनूं' सुसरोजी कहँ तरै तूं यूं कहै - देहुरो यांपै इण भांत करस्यां इण भांत मांडस्यां । यूं बात करजो ।” नै उण बहू कह्यो–“राजा वे गोळी ग्रागै मेलसी"" तरै उण बहू सात वींटी दी, कह्यो - "गोळी ऊपर वींटी मेलन वीजी गोळी चाढ़जो ।” पर्छ, कारीगर राजा कनै आया । पछै सिधराव उण ग्रागे गोळी ७ वे प्रांण मेली 10 | ग्रौ बीच वींटी देतो गयो । साते ही गोळी वींटी वीच दियां ऊपराऊपर चढ़ो । सिधराव कारीगरनं पूछियो- " वींटी कासूं ?" तरं कारीगर कह्यो - " बीच थर हुसी " । " तरे राजारै जमै - खातरी हुई । उणं कारीगरां देहुरो तयार कियो । वरस १६ देहुरो करतां लागा । कई हजारों कारीगर लागता |
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संमत १७१५रा वैसाख मांहै महाराजा श्री जसवंतसिंघजीनूं गुजरातरो सूबो हुवो। संमत १७१७रा भादवा मांहे मुं० नैणसीनूं हजूर बुलायो, 14 तरै भादवा वदि ७ मुं० नैणसी सिधपुर डेरो हुवो। सु सिधपुर भलो सहर छ । सिधराव थापरं नांव नवो वसायो नै पूरवसूं वांभण उदीच वेदिया १००० तेड़ायने 15 गांव ५०० सं सिधपुर दियो । गांव ५०० सीहोररा दिया, सेजा कनै " दिया । रुद्रमाळो वडां प्रासाद करायो हुतो, सु पातसाह अलावदी पाड़ियो" । तोही 18 कितरोएक प्रासाद प्रजेस छै । " । गांव प्रागै
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बेटा विवाह किया हुआ नही । 2 तव इस प्रकार करते हुए वापने बेटेका तीन स्थानों में विवाह किया । 3 बार दफा । 4 पुनः 1 5 पति । 6 पत्नी । 7 तुमको | 8 रखेगा । 9 गोली के ऊपर छल्ला रख कर दूसरी गोली चढ़ा देना । 10 लाकर रखी । II ये छल्ले किस लिये ? 12 ये वीचमें तह होंगे | 13 तब राजाको तसल्ली हुई । 14 मुंहता नैणसीको महाराजाने बुलवाया । IS बुला कर IG पास । 17 जिसको बादशाह अलाउद्दीनने गिरवाया । 18 तव भी । 19 ग्रव भी स्थित है ।