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________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात वेढ हारी । वळे राँणै सांगै चंदेरी' (मारी) थी । वंधवैरै- वाघेले मुकंदसू' वेढ हुई । मुकंद भागो । हाथी घणा पड़ाउ-आया। खिड़ीये खींवराज' वात कही। राँणो रतनसी कंवर वाघारो दोहीतो, धनाईरै पेटरो। तिको हाडा सूरजमल नारणदासोतसू लड़ काँम आयो । मामलो भैंसरोडर गाँव किंवाजण' हुवो । गाँव चीतोड़थी कोस २२ । वूदीसू कोस १० । ____७. राँणो विक्रमादित करमेती' हाडीरा पेटरो । उदैसिंघरो वडो भाई । रतनसी मारांण टीके बैठो। पछै विक्रमादित चीतोड़ थकाँ संमत १५९९ जेठ सुद १२ · पातसाह वहादर चोतोड़ ऊपर आयो । गढ लीयो । हाडी करमेती जुहर कीयो । रजपूत काँम आया । पछै वळे हमाउ पातसाह विक्रमादितरी मदत करी । हमाउ चीतोड़ आयो । वहादरवू घेच काढीयो । विक्रमादितनू पाछो चीतोड़ वैसाँणीयो । पछै पूतळ4 छोकरीरै बेटे विक्रमादित रमतानुं मारीयो । वणवीर चीतोड़ लीवी। . . ७. राँणो उदयसिंघ साँगारो । बडो प्रतापवळी ठाकुर हुवो। विक्रमादित मारीयो तद कोई दिन कुंभलमेर रह्यो । पछै वणवीर आय कुंभलमेर घेरीयो० सु राँणो उदयसिंघ सोनगरा अखैराज रिणधीरोतरी बेटी परणीयो हुतो। पछै अखैराजनू उदैसिंघ कहाड़ीयो-18 म्हानू मुसकल आय वणी छै! । माहरी20 मदत करज्यो, पछै अखैराज घणो साथ ले नै आयो । कूपो मेहराजोत22, राणो 1 गांवका नाम । 2 वांधवगढ । 3 घायल पड़े हुए हाथ आये । 4 खिड़िया जातिका चारण खींवराज । 5 गांवका नाम । 6 से । 7 राना सांगाकी स्त्री। 8 रतनसीके मारे जाने पर, विक्रमादित्यको राज्यतिलक हुआ।9 चित्तोड़में विक्रमादित्यके शासनकालमें। 10 चित्तोड़गढ़को वहादुरशाहने जीत लिया। 11 मदद । .12 विक्रमादित्यको पुनः चित्तोड़के सिंहासन पर बैठा दिया। 13, 14 दासीपुत्र वनवीरने खेलते हुये विक्रमादित्यको मार डाला। 15 विक्रमादित्यके मारे जानेके वाद चित्तोड़ पर बनवीरका अधिकार हो गया इसलिये उसिंहको बहुत समय तक कुंभलमेरमें रहना पड़ा। 16 वनवीरने कुंभलमेर पर घेरा डाल दिया । 17 बेटीसे विवाह किया था। 18 कहलाया। 19 मेरेमें आपत्ति आ पड़ी है। 20 मेरी। 21 सेनाको ले कर आया। 22 राठोड़ राव रिणमलका पौत्र मेहराजका पुत्र कंपा।
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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