________________
मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ २६५ तेडाया । नजीक आया, तरै सांम्हो पाय घणो आदर कर तेड़ लेजायनै, लाखै आपरी बहन राजनूं परणाई । अठै राखिया । लाखारी पूरी साहिनी, सु लाखो नै राज साळो बहनोई आठ पोहर भेळा रहै, नै वीज बाहिर रहै आपरा रजपूतां भेळो । सु राज वीजरी खबर ही ले नहीं । तरै एक दिन वीज राजनूं कहाड़ियो -"थे साळो बहनोई एक हुय रह्या, म्हारी खबर ही ल्यो नहीं, सु म्हे अठै रहां नहीं, म्हे पाटण जावस्यां, मूळराजनूं खोळे बैसाणस्यां" । चावोड़ी थाळी पुरससी सु जीमस्यां नै उठे जाय वैस रेहस्यां ।" सु राज तो लाखारी वड़ो साहिबी सु छोड़ी नहीं नै उठेहीज लाखा तीरै रह्यो, नै वीज पाटण आयो, मूळराज कनै रहै छै । राज लाखा भेळो रहै छ, सु लाखै घणोहीज सुख दियो । राजरै जाडैचीरै पेट राखायच बेटो हुवो।
साळे बहनैईरै घणो सुख छ, सु एक दिन चोपड़ रमता छा, सु राजरा हाथसूं गोट मारतां चिर" फाट उछळी सु लाखारै निलाड़' लागी, सु थोड़ो सो लोही' आयो लाखाजीरै । तरै मन माहै रीस आई लाखानूं, सु कनै भळको पड़ियो थो तिको झालन लाखै सोळंकी राजनूं चूंक लियो,14 सु राजरै थणरै लाग गयो । सु वातकरतां राज सोळंकीरो हंसराजा उड़ गयो” । लाखै घणो पछतावो कियो। जांणियो, परमेसर ! आ किसी उपाध की18 । मोनं किसी कुबुध आई1 । हूंणहारसूं जोर को नहीं । पछै आ वात लाखैरी बैहन जाडैची सांभळी, तरै बळणनूं तयार हुई। लाखो कहण लागो-"बेहनेई म्हारै हाथ मुंवो । प्रा बेहन वांसै बळे, भाणेज
____I बुलाये। 2 लाखेने अपनी बहनका राजके साथ विवाह किया। 3 आठों पहर शामिल रहते हैं। 4 कहलाया। 5 मूलराजको गोदमें विठायेंगे। 6 चावड़ी थाली परोसेगी सो जी मेंगे और वहीं जाकर वैठ रहेंगे। 7 राजको जाड़ेचीके पेटसे राखाइच नामका पुत्र हुआ। 8 थे। 9 खपची, फटनका टुकड़ा। 10 ललाट । II खून । 12 वीं । 13 पकड़ कर। 14 मार दिया, घुसेड़ दिया। 15 सो राजकी छातीमें लग गया।
16 तुरंत । I| प्राण उड़ गया। 18 जाना, हे परमेश्वर ! यह कौनसी उपाधि मैंने कर ली। .. 19 मुझे कौनसी कुमति आ गई। 20 होनहारसे कोई जोर नहीं। 21 सुनी। 22 तव . सती हो जानेको तैयार हुई। 23 बहनोई मेरे हाथसे मरा । 24 यह बहिन उसके पीछे
जले ( सती हो जाये ।)
...