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— मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ २५३ भदाणों राजथांन राव गालणरो हुवो । जिण' नागोर गीदांणी तळाव करायो । तिण साखरो दूहो - "गींदा हुता भदाणिया, तूंगै जायलवाळ ।"
कवित्त खंड पूंगळ खळभळे, कोट मरवटां टळक्कै । देरावर डिगमगै, लसै वरि हा हा संकै" ।। लुद्रवो थरथरै, छेलपुर नह संग? । भुटां अनै भाटियां सास नीवट्ट नीवट्ट । वीकमपुर वसै न बारही, धूजै धर पाटण पड़े। गींदो रोद्र भदांरिणयो धाए सांमेई धड़े ॥१॥
वात कहै छ गीदारै पच्छिमनूं चौरासी गढ़ हुता; तिणरै बेटो मांहगराव हुवो, तिणरो दूहो
अांखड़ियां रतनालियां, मूंछ अवदां फेर ।
जिण भय कांप गज्जणो, आ गीदांणी केर ।।१।। तिण गूंदलरावरा पोतरा खीचीवाड़े निपट बड़ा रजपूत हुवा। तिणां माहै धारू आनळोत वड़ो दातार, वड़ो जूंझार हुवो । आनानूं सांखलै सीहड़ वडो रजपूत जांण पांगळी बेटी परणाई हुती। पण
कहै छ, पछै अांने तिणनूं सुहागण की । तिणरै पेट धारू वडो दातार, __वडो जूंझार, संसार सिरोमण रजपूत हुवो ।
वात ___ खीची प्रांनो दुकाळ मांहै डोडारै परणियो थोर । सु सासरै जांणनै डोडवाडै जातो थो'1 सु परगना कोटारै गांव सूरसेन गूढा
I जिसने। 2 जिसकी साक्षीका दोहा। 3 खलबली मचती है। 4 डरते हैं। 5 कांपता है। 6 सेनाके सामने दौड़ता है। 7 उनमें। 8 लूली। 9 पीछे प्रानाने उसको सौभाग्य दिया (मानित किया)। 10 खीची पाना दुकालमें डोडोंके यहाँ व्याहा था। II ससुराल जानेके लिए डोडवाड़े जा रहा था।