SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 252
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २४४ ] _ मुंहता नैणसीरी ख्यात आया तठे अजो पिण काम आयो । हीमाळो वरजांगोत, अांक १६१७ सोभो वडो रजपूत हुवो । आधी साचोर सोभारै हुती। .. आधी साचोर गुजरातरा पातसाहरी दो मुगल प्रेमनूं हुती । पछै मुगले कोट मांहै गाय मारी तिणसूं उपाध हुवो, सोभै प्रेम ... मुगलनूं मारियो । १७ ऊदो हिमाळारो। १७ देवो हिमाळारो। १७ सांगो हिमाळारो। चोहुवांण सोभो हीमाळावत । मुगल प्रेम गाय मारी तिण ऊपर मारियो, तिण साखरो गुण - दूहा छायल फूल विछाय, वीसम तो वरजांगदे । गैमर' गोरी राय, तिण आमास अडाविया ॥ १ ॥ इस.' सै अहिनाण, चहुवांणो चौथे चलण' । .... डखडखती दीवांण, सुजड़ी1° आयो सोभड़ो ॥ २ ॥ काला काळ कलास, सरस पलासां सोभड़ो। वीकम सीहां वास, मांहि मसीतां मांडजै ॥ ३ ॥ I पृथ्वीराजका बेटा अजा, यह सेखा और देईदासका मामा जव सेखा मारा गया और देईदासको राजपूतोंने निकाल दिया तव अजा भी उसके साथ निकल गया, फिर चितौड़के गढ़ रोहेमें देईदास काम पाया, वहां अजा भी काम आ गया।. 2 शोभा वड़ा वीर राजपूत हुआ, अावी साचोर शोभाको मिली हुई थी और आधी गुजरातके वादशाहकी ओर से मुगल प्रेमको दी हुई थी, पीछे मुगलोंने कोटके अंदर गाय मार डाली, जिससे झगड़ा हो गया, शोभाने प्रेम मुगलको मार दिया। 3 चौहान हीमालेका बेटा शोभा, जिसने प्रेम मुगलको गाय मारने पर मार दिया था, जिसका साक्षी--काव्यमें वर्णन। 4 हाथी। 5 जिसने। 6 घर। 7 ऐसे। 8 चिन्ह, व्यवहार। 9 पाँव। 10 कटारी। II शोभा चौहान। 12 मस्जिदोंमें ।
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy