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________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात [ २४३ २० पतो सिंघावत । गोपाळदास ऊहड़रो नांनो । बेटो नहीं । २० सांडो सिंघावत । २१ भींवो सांडावत ।. २१ रांणो भीवावत । पानीले राते परणियो नै सवारै बाहड़मेरां आय वित लियो तरै वाहरमें काम आयो । २० संकर सींघावत । गोपाळदास ऊहड़ साथै काम आयो । २१ रतनो संकरोत । २२ जैतो रतनोत । मोहबतखारै काम आयो । २३ चांदो मांडणरै वास । २१ गोयंददास । पाटोधी भाटियां मारियो । २२ जीवो, मांडण ऊहड़रै । २१ पासो संकररो, मांडणरै वास । २० जोधो सिंघावत । राव चंद्रसेणरा गढ़रोहा माहै काम आयो । २१ वीसो जोधावत । गोपाळदास ऊहड़ साथै काम आयो । २२ सहसो, मांडण ऊहड़रै वाहर मांहै काम आयो । २३ भगवानदास । २२ वैरसल। २२ जैतसी। २१ सतो जोधावत, अउत" । १८ अजो प्रथीरावरो। सेखाजी देईदासजीरो मामो । सेखोजी कांम आया नै देवीदासजी रजपूते काढ़िया तरै अजो ही साथै नीसरियो । पछै चीतोड़ गढ़रोहा मांहै देईदासजी काम I भीवाका बेटा राणाका, रातको पानीले गांवमें विवाह हुआ और सवेरे बाहड़मेरे आकर जब उसके पशुओंको ले गये, तब यह उनके पीछे वाहरमें चढ़ा और वहां काम आ गया। 2 गोयंददासको पाटोदीके भाटियोंने मार दिया। 3 जीवा, मांडण ऊहड़की चाकरीमें । 4 शंकरका बेटा पासा मांडणके यहां रहा। 5 सिंघाका बेटा जोधाराव चन्द्रसेनके गढ़रोहेमें काम पाया। 6 सहसा, मांडण ऊहड़की वाहरमें काम आया। 7 जोधाका बेटा सत्ता, अपुत्र रहा।
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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