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मुंहता नैणसीरी ख्यात
पिण नांनो | राव सूजोजी परणिया था । चोहुवांण जगमाल जैसिंघ देोतनूं मारने साचोर लियो । जीवियो तठा सूधी साचोर प्रथीराव भोगवी' |
१८ वाघो प्रथीरावरो । जिण कोढ़णारो वाघावास वसायो । साचाररो टीको हुवो थो| पछै चहुवांण रांग नींवावत धरती सूनी की, तर वाघो सूनी धरती छोड़ कोढणे प्रायो ।
१६ सिंघो वाघावत !
२० वणवीर सिंघावत । मोटा राजाजीरो सुसरो ।
सिंघा वाघावतरो परवार ग्रांक १९ । वणवीर सिंघावतरो परवार ग्रांक २०
२१ सूजो वणवीर ।
२२ रांमो, संभत १६६३ खारड़ी थोभरी पटै थी । भलो रजपूत
थोरै ।
रायसिंघ
२२ २३ भोपत ।
२२ कांन्हो |
२३ माधो ।
जावत 1
२१ नारायण ।
२१ देदो वरणवीरोत । पटाऊ पटै थी । २१ रायसिंघ वरणवीरोत ।
I पृथ्वीराज तेजसीका बेटा । सूजाके बेटे सेखाका यह नाना और देईदासका भी नाना | जोधपुरका राव सूजा इसके यहां व्याहा था । इसने चौहान जयसिंहदे के बेटे जगमालको मार कर साचोर लिया और जहां तक जिंदा रहा साचोर इसके अधिकारमें रहा ।
2 पृथ्वीरावका वेटा वाघा, जिसने कोढ़णावाटीका वाघावास बसाया । साचोरका तिलक हुआ था। पीछे चौहान रांगे नींवावतने ( साचोरकी ) धरतीको उजाड़ दिया तव बाबा सूनी वरती छोड़ कर कोढ़ चला आया । 3 रामाके संमत १६६३ थोभका खारड़ी गांव पट्टे में
था | अच्छा राजपूत था ।