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मुंहता नैणसीरी ख्यात
[२१७ सकरांणै आय उतरियो; तरै पातसाह कनै कांधळ आलेचो रजपूत ४ बीजा भेळा मेलिया'। थे पातसाहजीनूं जाय कहनै आवो-"जु अतरा हिंदुस्थांन मार बंदकर महादेव सोमइयो बांधनै म्हारै गढ़ निजीक म्हारै गांव उतरिया सु भली न की । मोनूं रजपूत न जांरिणयो" तरै झै जाळोरथी चालिया, लसकर गया। आगै पातसाहरै प्रधान सीहपातळो भाणेज छै सु ई प्रधांन छै। तिणरै डेरै कनै डेरो कियो । सीहपातळातूं औ मिळिया। कानड़दे कहिया तासु समाचार इण सीहपातळानूं कह्या । सीहपातळे कह्यो—“पातसाहजी थांहरो विगाड़ियो वयूं न छै'; अ सुरतांण सुभियांण छै । इणांनूं को इसड़ी वात कहाडै छै' ?" तरै इण कह्यो-"सु तो कानड़देजी जांण । थे निचंत कहो । नै कांधळनूं, बीजा रजपूतांनूं देखनै सीहपातळो घणो खुसी हुवो। पछै पातसाहजी कनै सीहपातळो गयो, कानड़दे कहाड़ियो सु कह्यो । नै सीहपातळौ पातसाहजीनूं कह्यो"कांनड़देरो रजपूत कांधळ देखण सरीखो छ।" तरै पातसाहजी कह्यो"बुलावो।" तरै सीहपातळे कह्यो-" अोनाड़ छै, कोई खून करसी । कानड़दे छूटी बीजानूं जुहार न करै छै1 । जै पातसाह उणरा खून माफ करै तो हजरतरी हजूर बुलाऊँ।" तरै सीहपातळे पातसाहजीरो कवल लेनै कांधळनूं पातसाहजीरी हजूर बुलायो । हजूर आयो । एकण तरफ ऊभो राखियो । तरै पातसाह कहण लागो-"कांनड़दे तो म्हांनूं सांमो डाकर दिखावै छै", नै पातसाहनूं
____ I तब बादशाहके पास चार अन्य राजपूतोंके साथ कांधल अालेचाको भेजा। 2 आप इतने हिन्दुस्थान ( हिन्दुओं ) को मार कर और कैद कर, सोमनाथ महादेवको बाँध कर के मेरे गढ़के निकट मेरे ही गांवमें आकर ठहरे, यह अच्छा नहीं किया। 3 तव ये जालोरसे चल कर बादशाहकी सेनाका जहां पड़ाव था वहां गये । 4 अागे वादशाहका भानजा सीहपातला है, जो उसका प्रधान भी है। 5 उसके डेरेके पास डेरा डाला। 6 कान्हड़देने जो समाचार कहे थे सो उन्होंने सीहपातलासे कहे। 7 बादशाहने तुम्हारा विगाड़ा तो कुछ नहीं है। 8 ये सुल्तान शुभाशुभ चाहे जो करने वाले हैं। 9 इनको कोई क्या ऐनी बात कहलाता है ? 10 ये बहुत ही जोरावर हैं, कोई खून कर देंगे। II कान्हड़देके अतिरिक्त किसीको जुहार नहीं करते हैं । 12 कौल, वचन। 13 खड़ा रखा । 14 कान्हड़दे मुझे उलटा डर दिखाता है।