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मुंहता नैणसीरी ख्यात चाढ़तां वार ६ हुई; जु सोरंभजीरै घाटथी गंगोदक प्रांणनै देवरै पाटण सोमइयै ऊपर चाडै', सु सातमी वार गंगोदक कावड़ भरी नै आणतो हुतो सु किणहेक सहर वटाउ थको' किणहेकरै चौंतरै' उतरियो हुतो सु उणरी बैर किणीहेक जिंदासू हालती हुती, सु वा सासती' जिंदारै जाती ; सु उण दिन उणरो मांटी कठक हाळी' हुतो सु घरे आयो, सु तिण दिन जिंदारै मोड़ेरो जांणी आयो'", तरै जिदो उरणसं रीसांणो', उरण नैड़ी नावण दै", तरै उण कह्यो"अाज म्हारै मांटी घरे प्रायो, तिणहूं आज मोड़ेरी पाई।" तरै जिंदे कह्यो-“तोनूं मांटीरो इतरो' प्यार छै तो तूं घरे जाय । थारो प्रेम थारा मांटीसूं कर।" तरै इण कह्यो—“मोनूं थे किणही सूल श्रावण दो।" तरै जिंदै कह्यो- "थारा मांटीरो माथो वाढनै मोनूं प्रांण दै तो तोनूं श्रावण दूं।" तरै इण कह्यो-"मोनूं क्यूहेक हथियार दो, ज्यूं हूँ माथो वाढ़ लाऊं"।" तरै जिंदारै छुरो १ मोटो छो सु जिंदै दियो । इण साचांणी मांटी सूतारो माथो वाढनै जिंदायूँ आंण दियो । तरै जिदै माथो देखनै कह्यो-"फिट रांड ! थारो काळो मुंहड़ो; हूं तो थारो मन जोवतो थो; तूं रांड इसड़ा काम करै' ?' तरै रांडन दुरकारी । तरै पाछी पाई ; प्रायनै वांभण बारणे सूतो हुतो .. तिणरा लूगड़ा' माहै छुरो नांखियो; नै वांभण सूता थकारैई उठारो लोही" लगायो। लूगड़ा पड़िया हुता त्यां ऊपर लोहीरा छांटा नांखिया; पछै घर माहै पैस कूकवो कियो, जु म्हारो मांटी चोर मारियो
I सौरों घाटसे गंगोदक ला कर देवपट्टनमें सोमनाथ पर चढ़ावे । 2 लाता था। 3 पथिकके रूपमें। 4 चबूतरे पर। 5 पत्नी। 6 किसी एक व्यभिचारीसे अनुचित संबंध था। 7 निरंतर। 8 पति। 9 खेतीके काममें नौकर, हल चलाने वाला। 10 सो उस दिन जारके पास देरसे जाना हुया । II तब जार उससे नाराज हो गया। 12 उसको पास नहीं आने दे। 13 जिससे आज देरीसे पाई। 14 इतना। 15 मुझे तुम किसी प्रकार पाने दो। 16 तब जिनाकारने कहा—'तेरे पतिका सिर काट कर मुझे ला कर दे तो मैं तुझे पाने दूं'। 17 जिससे मैं सिर काट कर लाऊं। 18 इसने सचमुच ही सोते हुए अपने पतिका सिर काट कर जिदेको ला कर दे दिया। 19 रांड ! तू ऐसा काम करती हैं ? 20 तब रांडको धिक्कार करके निकाल दिया। 21 कपड़े। 22 रक्त । 23 पीछे घरमें घुस कर जोरसे रोने लगी।