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मुंहता नैणसीरी ख्यात [२१३ जाळोररा धणी । इण पंवारांनूं मारनै जाळोर लियो। रावळ कानड़दे सांवतसीरो जाळोर धणी हुवो। वडो महाराजा हुवो । गोकुळीनाथ श्रीठाकुरजीरो अवतार हुवो' । सु अलावदी पातसाह गुजरात ऊपर आयो । गुजरातरो घणो लोग कैद कियो । सोरठ माहै देवरो पाटण छै । तठे सोमइयो महादेव जोतलिंग थो सु उपाइनै पाला' चांबां माहै बांधनै गाडै मांही घातियो सु महादेव ठोड़थी' खिसै नहीं, तरै पातसाह आरंभरांम हठी पड़ियो' । पांच सौ जोड़ी बळदारी गाडी बैलै रुखी करनै जोती । महादेवरा लिंग मांहैथी आग भभक-भभक नीसरै छै सु पांचसै सिका पांणीतूं लिंगनूं छांटता जाय छै" । बळद जूपै छै तिकै मरता जाय छै । महादेव घणो ही करामात करै छै; पिण देवां ऊपरला दांणव'", सु इतरै हठसू कोस १ रोजीना महादेव सोमइयो नीठ खिसै छै" । सु यूं पातसाह लियां जाळोररै गांव सकरांणै डेरो हुवो' । महादेवरै किस्तरी वात सारी कानड़देजी सुणी छै" ।
वात सिंघावलोकिनी एक बांभण तापस कोई एक गंगाजीतूं कावड़ एक गंगोदकरी प्रांणनै सोमइयै लिंग ऊपर चाढ़े। यूं करतां उण बांभणनूं कावड़ा
I रावळ कानड़दे श्री ठाकुरजी गोकुलनाथजीका अवतार हुआ। 2 बादशाह अल्लाउद्दीन गुजरात पर चढ़ कर आया। 3 सौराष्ट्र में देवरो पाटण शहर है । ( 'देवरो पाटण' अर्थात् 'देव पट्टन', सोमनाथ पट्टन, प्रभास पट्टन, शिव पट्टन, आदि नामोंके साथ 'देव पट्टन' नाम भी इस नगरका विख्यात है।) 4 सोमनाथ। 5 ज्योतिलिंग । 6 उठा कर 1 7 गीला । 8 चमड़ा । 9 डाला,रखा। 10 स्थानसे । II तब अपने निश्चय पर दृढ़ बादशाहने भी हठ पकड़ ली। 12 वहलीके रूपमें बना कर पाँचसौ बैलोंकी जोड़िये गाड़ीमें जोती। 13 निकलती है। 14 अतः पांचसौ सबके शिवलिंगको पानीसे छिड़कते जाते हैं। 15 जो बैल गाड़ीमें जुतते हैं वे मरते जाते हैं। 16 परंतु देवोंके ऊपरके दानव । 17 सो इतने हटसे भी नित्य एक कोस सोमनाथ महादेव बड़ी मुश्किलसे आगे खिसकते हैं। 18 सो इस प्रकार लाते हुए बादशाहका डेरा जालोर परगनेके गांव सकरानेमें हुआ। 19 कानड़देजीने-महादेवजीकी अापत्तिकी सब वात सुनी है। 20 इससे पूर्व, इससे संबधित घटी घटनाकी एक बात, सिंहावलोकन । 21 काँवर । 22 लाकर ।