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________________ १६६ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात १२ जसो कचरारो। १२ ठाकुर कचरारो। १२ मेघो कचरारो। ११ ऊदो जैसारो। १२ केसो। ११ सूजो जैसारो। १२ नारायण । १२ दूदो (देदो)। ११ जीवो जैसारो। १२ रायसिंह। ११ ईसर जैसारो। १० हेमराज खींदावत । गूढ़ा ऊपर तुरक आया तमारांणो'। ६ सकतो गोयंदरो। ५ वीरम मालारो। चूंघरोट मांहे भायां मारियो । ६ रावत सोभो । कुंडळरै पंवारै चूंघरोट मारियो । ७ राजधर । रावत सोभा साथ काम आयो । ८ वैणो राजधररो। ६ रतनो वैणारो। चूंघरोट पटै थी। मुं० नारायणरा बेटा मारिया था तिण वैर मांहे करण पीथावत मारियो । राजा भींव राणावतनूं जाळोर, तद रतनो जालोर दिसी जाइ.. रह्यो थो तटै करन जाय मारियो । १० डूंगरसी सं० १६८० सेवटै मारियो । I खींदेका बेटा हेमराज, गुढे ऊपर तुर्क चढ़ कर पाये तव मारा गया। 2 पालाके पुत्र वीरमको भाइयोंने चूंघरोट गाँवमें मार दिया। 3 रावत सोभाको कुंडल गाँवके पँवारोंने धुंधरोट गाँवमें मारा। 4 राजधर अपने पिता सोभाके साथ काम आया। 5 वैरणाका बेटा रतना, जिसके पट्टेमें धूंघरोट गाँव था। मुहणोत नारायणके वेटोंको इसने मारा था, उस वरके बदलेमें पीथाके पुत्र करणने इसको मार दिया। राजा भीम राणावतका जव जालोर .. पर अधिकार था,तव रतना जालोरकी ओर जा कर रह गया तो वहां जा कर करणने इसको ... मारा। 6 सेवटे राजपूतोंने डूंगरसीको सं० १६८० में मारा।
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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