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________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात [ १९७ १० जैमल रतनावतनूं मुं० सुंदरदास मारियो' । ११ अमरो जैमलरो। ११ दूदो जैमलरो। १० सिखरो रतनारो । सं० १६८२ ब्रहांनपुर मुवो। १० अमरो रतनारो। तिमरणीरी मुहिममें चोरी की तद राजा गजसिंघ गरदन मरायो । ४ सूजो सिलाररो। तिणरो बैसणो गांव पीपलोण । ५ कुंभो सूजारो। ६ वीरम कुंभारो । वीरम चांपा चहुवांणरी बैर सवेरी प्रांणी तिणमें मारियो । ७ नाथो वीरमरो। ८ राजसी नाथारो । भायां परो काढ़ियो, तरै रांणारे देसमें गयो थो त? मारियो । .६ रामदास राजसीरो। १० मदो रामदासरो। गांव पीपलोण' । ११ किसनो १२ स्यांमसिंघ। ११ पतो मदारो। १२ जसो। १२ उरजन । ११ कमो मदारो। १२ सिवो। १२ माधो। I रतनाके पुत्र जयमलको मुहणोत सुन्दरदासने मारा। 2 रतनेका बेटा सिखरा, सं० १६८२में बुरहानपुरमें मरा। 3 रतनेका बेटा अमरा, इसने तिमरणीकी मुहिममें चोरी कर ली तव राजा गजसिंहने इसकी गर्दन कटवा कर मरवा दिया। 4 सिलारका बेटा सूजा, इसका वैठना (जागीर) पीपलूरण गाँवमें। 5 कुंभाका बेटा वीरम । वीरम चांपा चौहानकी विवाहित स्त्रीको ले आया जिसमें मारा गया। 6 नाथेका बेटा राजसी, भाइयोंने इसको निकाल दिया, तब राणाके देश (मेवाड़) में चला गया, वहां मारा गया। 7 रामदासका बेटा मद्दा, गाँव पीपलूणमें रहता है।
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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