SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 201
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात [ १६३ अथ भायलां रजपूतांरी ख्यात लिख्यते पंवारांरी पैंतीस साख, त्यां मांहे एक साख भायलांरी । भायलारो माथासरो गांव रोहोसी मगरा नीचैवळी छै त? नै सिवांणचीनूं'। १ महारिख रिखेस्वर । २ साचर महारिखरो। ३ उत्तमरिख । ४ पदमसी। ५ सजन भायल । १ सजन भायल पदमसीरो, वडो रजपूत हुवो । सजनरै चांपा सींधलरी बैर देवड़ी चांपानं छोड़ सजनरै घरै आय पैठी। वांसाथी चांपो आयो । सजन देवड़ी सूतां ऊपर, तरै देवड़ीरी चोटो नै छुरी सजनरी छाती ऊपर मेल गयो । सवारे सजन वांस चढ़नै आपड़ियो । माहोमाह लड़ मुवा । दोनो ही अमल खायनै, सजन चांपा लोह कियो, चांपै सजन लोह कियो । बेऊ मुवा । देवड़ी बेवांहो वांसै वळी । सिवांण सजनरी गिड़ी छै। सजन, राव सातळरो दोहीतरो' अलावदी पातसाहतूं मिळ सिवांणो लेरायो । २ रांणो रावळो सजनरो, राव सोमरो दोहीतरो' । तिण अलावदीन मिळनै गढ़ लियो। पछै पातसाहजी सिवांणो रावळानूं हीज दियो । पछै वळे पातसाह रावळानूं मारियो"। I भायलोंका मुख्य गाँव रोहीसी पहाड़ीकी नीचाईमें है वहां और मारवाड़की सिवानची पट्टीमें। 2 चांपा सीधलीकी स्त्री चाँपाको छोड़ कर सजनके घरमें आ घुसी। 3 पीछेसे चांपा आया। 4 रख गया । 5 प्रातः सजनने उसके पीछे चढ़ कर उसे पकड़ लिया। 6 अफीम । 7 दोनों मर गये। 8 देवड़ी दोनोंहीके पीछे जल कर सती हुई। 9 सिवानामें सजनकी गढ़ी है। 10 दोहिता। II राणा रावळा सजनका वेटा और राव सोमका दोहिता। 12 जिसने अल्लाउद्दीनसे मिल कर सिवानेका गढ़ लिया, जिसको बादमें बादशाहने सिवाने रावळे को ही दे दिया किन्तु पीछे बादशाहने रावळे को मरवा डाला। नोट-यहां सजन भायल से भायल राजपूतोंकी वंशावली दी गई है। नामोंके पूर्वकी संख्या, सजनके पीछेकी वंशानुक्रम संख्या है।
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy