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मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ १६१ कवित्त राव रायसिंघ सीरोहियारा, आसियो करमसी खींवसरोत कहै
कवित्त जे ऊपररो तमर, सुवर वैहवार लहंतो। जिण थू आ ऊपरी, फाड फड़वक फाडतो ।। जिण समपै सोवन्न', जेण बदरा बंधावै । जिण सोझावै हाट, जेण लासां लूसावै ।। सुनिझरस संभार सदन, [वणां] कृपणां तणो विरांमियो। कर सुपर कीति कवि करमसी,रायसिंघ विसरांमियो । १ जहां अंब फळ बछस ,तहां नींब फळ न पामस' । जहां चिणी पकवान, तहां को कसरय मानस ॥ जहां जायसूं जंपै, तहां अादर न पायस । जहां उपायस' बोहत, तहां बोहतेरो खायस' । अोखद दांन देसी कवण, दन'हीणां विदोषियै । हय हय सरीर छूटो नहीं, रायसिंघ अवरोखियै ॥ २ राव राय रखपाळ',राव रहड़ण"रिम राहां । राव रूप रायहरां, राव वैरी पतसाहां ।। राव रोर विड्डार, राव संसार उधारै । राव ध्रम्म ऊधरै राव इक्कोतर तारै ।। तण जास पास नय कुळ तणी,सिवै भोर आचार सही। अभिनमो क्रन्न दानेसवर, रायसिंघ विवनोम कही ॥ ३ केहिज राव राखिया, भोम निगमी भ्रामंता । केहिज राव राखिया, भये खुरसारण पुळता ॥ केहिज लोभ राखिया, तणा पतसाह उदाळे । केहिज रजकर' राखिया महारोर वै दुकाळे ।
I सुवर्ण। 2 सम्पत्ति, धन। 3 मृत्युको प्राप्त हुआ, मर गया। 4 कीति । 5 मर गया। 6 वृक्ष । 7 प्राप्त होता है। 8 उत्पत्ति, पैदाइश । 9 खाया जाता है, ख्वाहिश । 10 (१) दिन, (२) दान। II रक्षा करने वाला। 12 रोकने वाला, मारने वाला। 13 शत्रु । 14 दे दी। 15 भागते हुओंको। 16 दीन, गरीव ।