________________
. मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ १८६ मछरीक सुकर मेवाड़रा, असंख सेर आहुट्टिया ॥ १७ पग प्रांणै धर प्रांण, मरण साहसमल मग्गै । तेण पाट लख धीर, मयंक ऊगै जगमग्गै ।। जे बालोतो सीह, नला आकासह नांखै । अोबास ऊससै, ढांण कोटांनूं धांखै ॥ . सिवपुरी वसै ग्रह सरणुवो, देसां ऊपर देखियो । बळ सबळ महाबळ बोलियो,परगह आप न पेखियो । १८ सोळंकी संग्रांम, सात फेरा संघारै । गोखू वर गहिटै', मछर चड डूंगर मारै ॥ डोडियाळ काचैल, सहत डंडै बालीसां। . कोळीया कड़जकाढ़, चांप तीसां चोबीसां ।। जिण सयल तणा नद नोर जिम,जीता सेन असंख जिण । लखधीर तणे सुरतांण लग,ताप न खिस्मै रोद्रतिण ॥ १६ धर खाटै लखधीर, दीध जगमाल हमीरां । बिनै पाट पत वेध, हुवै बेहू' वर वीरां ।। एक राव अरबद्द, बियो' सरणुवै बयट्ठो"। एकाएक अगाह , एक एकाह अपुट्ठो"। राय भांण अनै सत नथ राय,द्रोखै पारख वेधियो। भुय तणो ग्रास बिहुं भाइयां, आधोपाध निमंधियो । २० दळ मेळ जगमाल, पीड़ हम्मीर पहारै। विह" लिखियो धरवेध, तांम सहवर संघारै ।। रसतर संघण लील राज, बक लाल विवन्नो । तेण" पाट तुड़तांण, पछै अखई उतपन्नो ॥ अखैराज़ अरक ओहासियो,नर नरंद भंजेव निस । कळकळ किरण दीपै कमळ,दस ही दिस चत्वार दिस ॥ २१
I भिड़े। 2 सेना। 3 देखा । 4 बार, दफा। 5 नाश करता है। 6 पहाड़। 7 सहन करता है। 8 प्राप्त करता है। 9 दोनों। 10 दोनों। II दूसरा। 12 वैठा । 13 एक एकसे आगे। 14 एक एकसे विरुद्ध । 15 बाँट लिया। 16 विधाता । 17 जिसके।