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मुंहता नैणसीरी ख्यात १ चीवो पतो। १ सीसोदियो मुकंददास । १ सीसोदियो स्यांमदास । १ सीसोदियो दलपत ।
४ काम आया । राव सुरताण वेढ़ जीती । कलो नास गयो' । सुरतांण खेत सोधियो । पछै राव सुरतांण सीरोही आय बैठो । राव कलारा मांणस सीरोही था । राव सुरतांण सेझवाळ बैसाण, राव कलो थो तठे पोहचता किया । राव सुरतांण सीरोही धणी हुवो । सीरोही मुदो देवड़ा विजै माथै छै । पछै विजो दिन-दिन जोर चढ़तो गयो छै । सुरतांण नै विजै गाढ़ो विरस छै", पिण राव पूज सकै नहीं । तिण टांण राव सुरतांण बाहड़मेरी परणियो, तिका वहू सीरोही आई । बहू बाहड़मेरी ठाकुराईरो नै विजारो घाट" देखनै रावनूं कह्यो-"यो ठाकुराईरो किसो सूल'° ? धणी थे कना विजो धणी'?" तरै राव सुरतांण कह्यो-"धरती माहे रजपूत नहीं, विजासों बलाय सांमां मांडै । तरै बाहड़मेरी कह्यो-"पेट भरस्यो तो धरती माहे रजपूत घणाई छ ।” तरै राव कह्यो-'थे दस मांणस तेड़ावो" " तरै वाहड़मेरी आपरा पीहरसूं आदमी २० तेडाया सु आदमी २० वीस निपट प्रवळ आया । आदमी रावरा पासवांन" हुवा । रावरी दछा रूड़ी दीठी", तरै केई धरतीरा भला रजपूत पिण
I कला भाग गया। 2 सुरतानने रणक्षेत्रका निरीक्षण किया। 3 अंतःपुर, जनाना। 4 राव सुरतानने उनको पालकीमें विठाकर जहां राव कलाथा वहां पहुंचा दिया। 5 विजय सिरोहीका सर्वेसर्वा बना हुआहै। 6 सुरतान और विजयके आपसमें खूब . विरोध है। 7 किन्तु रावका वश नहीं चलता। 8 उस समय राव सुरतानने (वाहड़मेरके जागीरदारकी कन्या) वाहड़मेरीसे विवाह किया। वह वधू सिरोही आई। 9 ढंग । 10 जागीरदार होनेका और जागीरीका यह कैसा ढंग ? II जागीरीके स्वामी आप हैं . अथवा उसका स्वामी विजय है? 12 पृथ्वी पर राजपूत नहीं जो विजय जैसी वलासे सामना .. करें। 13 उदरपूर्ति कर दोगे तो पृथ्वी पर राजपूत बहुत हैं। 14 तुम दस मनुष्योंको वुला लो। 15 तव वाहड़मेरीने अपने नहरसे वीस आदमी बुलवाये। 16 वाहड़मेरसे आये हुए आदमी रावके अंगरक्षक बने । 17 रावकी दशा अच्छी देखी। '