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मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ १४७ १ डोडियाळ' । किणही कह्यो-" परगना दीजै । किणही कह्योअ परगना न दीजै ।" तरै विजै कह्यो-" तो परगना माथै सटै मांग छै', नचीत दो।" तरै परगना ४ मिलकखांनजीनूं दिया । तरै असवार १५०० खांनजी लेनै राव सुरतांण, विजै भेळो हुवो । राव कलो सीरोहीथा चलायनै आदमी हजार ४००० था" सामा काळधरी आय ऊतरियो । मोरचा मंडियो । नाळां मांडी' । अठै इण काळधरीरा डेरा निपट गाढ़ा सझाया । नै राव सुरतांण कनै आदमी हजार तीन ३००० भेळा हुवा छै । राव सुरतांणनूं खवर हुई--"काळधरी कले इण भांत सझी छै । काळधरी जाइजै तो धको खाइजै । तरै राव सुरतांणरै समरो, सूरो, विजो देवड़ो वडा राह-वेधी' रजपूत था, त्यां कह्यो'--"प्रांपणे काळधरीथा कानूं काम छै" ? प्रांपै तो पाधरा सीरोहीनूं चलावस्यां" । कलारै लड़ियो जोइजसी तो प्राय लड़सी' । तरै इणां तीन फोज करी नै सीरोहीनूं चलाया । काळधरीसू कोस १ नीसरिया'" तटै राव कलो प्राडो आय लड़ियो । वेढ़ हुई" । वेढ राव सुरतांण जीती । कलै हारी"। इण वेढ़ माहे विहारियै निपट घणो बळ कियो । राव सुरतांणरी तरफ आदमी वीस काम आया । त्यां मांहे 'मुदायत देवड़ो सूरो नरसिंघोत समरारो भाई काम आयो । राव कलारो अतरो साथ काम आयो ।
___ विहारी-पठानोंका आधिपत्य हट कर जब जालोर जोधपुरके अधिकारमें आ गया, तब सिरोहीके ये चारों परगने भी स्वतः मारवाड़-राज्यमें मिल गये थे । आज समस्त राजस्थान भारतका एक प्रान्त वन जाने पर मारवाड़ और जैसलमेर राज्य के साथ सिरोही राज्य भी राजस्थानके जोधपुर-डिवीजनका एक अंगमात्र रह गया है। 2 ये परगनेतो वह सिरके बदलेमें मांगता है। 3 निश्चिन्त होकर दें। 4 सम्मिलित हुआ। 5 सिरोही से । 6 चार हजार सहित । 7 मोरचे पर तोपें रखी गई। 8 इधर इसने कालंद्रीके मोरचेको अत्यन्त दृढ़ रखा। 9 कालंद्री चले जायँ तो हानि उठाना पड़े। 10 दुरदर्शी, युद्धानुभवी, अनुभवी। II उन्होंने कहा। 12 अपनेको कालंद्रीसे क्या काम है ? 13 अपन तो सीधे सिरोहीकी ओर चलावेंगे। 12 कलाको लड़नेकी आवश्यकता है तो वहां आकर लड़ेगा। IS निकल गये। 16 जहां पर राव कला आडा आकर लड़ा। 17 लड़ाई हुई। 18 राव सुरतानने लड़ाई जीतली। 19 कलंकी हार हुई। 20 विहारी पठानोंने। 21 उनमें । 22 मुख्य । 23 राव कलाके इतने मनुष्य काम आये।