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मुंहता नैणसीरी ख्यात
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देवड़ो जगमाल सोइ रह्यो । सवारे हथियार बांध तयार हुय सीख मांगरण जाता हुता, तितरै रांगारा पिण ग्रादमी सांमां तेड़ा श्राया' । जगमालनूं रांणै कह्यो - " राते परगना ४ देगा किया है, तिण कागळ में मतो घातदो, तरै देवड़ जगमाल कह्यो - " मांहरा दिया परगना नं. श्रावै" । मांनसिंघ उठै छै, धरतीरा सारा रजपूत उठे छै ।" इण जवाव मता दिसा यूं कह्यो' - तर राणे कह्यो- “रजपूतां भलो ग्रापरो दाव कियो ।” तरै रजपूतांसूं रां कह्यो - "म्हे चार परगना मांगां छां, तिणनूं थां साथै थांरणानं विदा करां छां । थे थांगो वैसांण नै ग्रावा जाज्यो ।” तरै देवड़े जगमाल कह्यो - ' सीरोहीरा धरणी रावळा' चाकर छै, सगा छै" । ठाताऊं" दीवांण वात कहणनूं" करै ? ग्रेक म्हां साथै प्रोहित भलो ग्रादमी मेलोजै" । राव जवाव करसी सु दीवांणसूं प्राय मालम" करसी । तरै दीवांण ही वात कबूल करी इणां साथै प्रोहित मेलियो" । ग्रागै रजपूते सीरोहीरा मिळने राव मांनसिंघनूं टीको दियो" । नै रावरो रजपूत पिण रांणारा प्रोहितनूं" ले सीरोही आयो । प्रोतिरो घणो आदर भाव कियो । हाथी ?, घोड़ा ४ दीवांणनूं प्रोहित साथै ग्रापरा श्रादमी दे पेसकस मेलिया । कागद मांहे घरणी मनुहार लिखी नै कह्यो– 'च्यार परगनांरी कासूं वात छै" ? सीरोही सारो दीवांणरी है । हूं दीवांणरो रजपूत हूं ।" तर दीवांण पिण राजी हुवा |
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२७ राव मानसिंघ दूदारो । वडो दूठ ठाकुर हुवो । सीरोही
I इतनेमें रानाके मनुष्य भी बुलानेके लिए सामने आ गये । 2 उस पत्र में हस्ताक्षर कर दो । 3 मेरे देनेसे परगने ग्रापको नहीं मिल सकते । 4 मानसिंह उधर है, देशके सव सरदार वहां हैं | 5 इसने हस्ताक्षर करनेके सम्वन्धमें यह उत्तर दिया । 6 राजपूतों अपना अच्छा दाव खेला । 7 जिसके लिए तुम्हारे साथ गारद भेज रहा हूँ । 8 तुम वहां पर थाना लगवा कर ग्रागे जाना 1 9 ग्रापके | 10 सम्बन्धी हैं 1 11 यहां तक 1 12 किसलिये 13 मेरे साथ । 14 भेजिये । ISविदित करा देगा । 16 स्वीकार कर दी । 17 भेज दिया ।
18 राजतिलक किया । 19 को 1 अपने कुछ आदमी पेशकशी में भेजे ।
20 रावने पुरोहितके साथ हाथी 21 चार परगनोंकी कौनसी बात है ?
१, बीड़े ४ ग्रौर 22 पराक्रमी,
जवरदस्त ।