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८८२ जोधायणमे साख वहै -
वांकीदासरी ख्यात
वीदावत
अजीतजी स वरदायी, वसुधा जोधै भली वसायी ।
[ ८८२-८९४
८८३ अजीत मोहनू मार रावजी जोधैजी जमी लिवी जिका वीदाजीनू दिवी गाँव १७० वीदाहदरा छै, वीदावत द्रोणपुरा कहावै द्रोणपुरो हमें सूनो छै । ८८४ राठोड वीदा जोधावतरा बेटारी विगत - उदैकरण १, हरीचद २, सहसारचद ३, भीमराज ४, भोजराज ५, वैरसल ६, डूगरसी ७।
८४५ वीदा जोधावतरै वेटारी विगत - उदैकरण १, हरचद २, भोजराज ३, भीवराज ४, ससारचद ५, वैरसल ६, डूगरसी ७।
८८६ वीदावत द्रोणपुरा कहावै ।
जींजणियाळी
८८७ जीजणियाळीरो सिरदार भाटी उदैसिंह रामसिघोत जिण वोगनी आईरा मिसणारो भाणेज रतनू राजो मारियो राजै सगा मायानू बोगनी आईमे मारियो इण खून |
( जाट )
८८८ जाखाणपट्टीरा गाव वीदावतारै पटै जाखड जातरा जाट रय्यत । ८८९. सीहाकोटीरा गाव १४० महाजनका सिरदारकै सीहाक जाट रय्यत । ७९० गोदारा जाटारा गाव १४४ भडाणरा वीकानेररा राजारै खाळसारा ।
किसनगढ किसनसिंघ उदैसिंघोत
८९१ किसनसिंघ राजा उदैसिघोत जोधपुर हुता जद आर पटै गाव दुधण्ड हुतो । ८९२ राठोड घडमी वोत मेवासी हुता ज्यानू मार किसनसिंघ उदैसिंघोत धरती ले किसनगढ बसायो ।
८९३ किमनसिंघजी किसनगढ वसायो जद गुदैळाव कनै गाव वसी १, जिर २, मीरारा मालक मेर किननसिंघजी इण जमीरा मालक हुवा जद उवा मेरासू मनव मेट मारवाडमे मुमळमानांसू सबंध करणा सरू किया जात माजवी उवारी है ।
८९४. अजमेर राजा किमननिघ उदैमित्रोत काम आयो जद करनसिंघ उदैसिंघोतरो यो राठोड करमसेन उग्रसेनोत नागपीठ सौ घाव लागा ।