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वांकीदासरी ख्यात . [६५४-६६२ पातसाहरी फोज घगी, फतै होण ज्यूं नही, कूपो जैतो झूठी अरज करै है.' आ वात सुण कूपाजी-जैताजीनू विना पूछिया रावजी गुगरोटरा पहाडांनू
रवाना हुवा। ६५५. पछै कूपाजी, जैताजी, पचायणजी, अखैराजजी, वीदाजी वगेरै रावजीरा उमरावा
वीस हजार घोडारी वाग उपाड सवत १६०० पातसाहस जंग कियो प्रभातरै
समै. लरी नदी पार वेढ हुई पाच हजार आदमी काम आया। ६५६ वीरमदे पातसाहनू ले जोधपुर गयो पर्छ हासम कासम खवास सइयद और ही
उमराव मारवाड़में राख कूच कियो बीकानेर किलाणमलनू दियो, मेडतो वीरमनू दियो. सवत १५३४ रा मिगसर सुद १४ रो जनम सवत १६००रा
काती वीरमदे मुवो। ६५७ मागळियो भादो वावड़ीरो वासी जिण राव मालदेजीरी निजर किया सिकारी
कुत्ता जद भादारा वेटा देवो जिणनू चाकरीमे राखियो देवानू वधारियो सवत १५९४ रावजी जैतमलोत कनांसू सिवाणो लियो जद मांगळिया देवारै
हवाले कियो। ६५८ देवो सिवाणे राम कहयो - वीरमदे देवावत वडो सपूत हुवो रावजी मेडतो
ले वीरम देवावतर हवाले कियो. रावजीरी चाकरी नहीं करै जिणसू
वळूदा मायसू वीदा वीरमोतनू कढियो। ६५९ वीरमदे रिया सहसा माथै आयो जद रडोदर थाणासू कूपो मेहराजोत १,
राणो अखैराजोत चापो, जैसो भैरूदासोत इत्यादीक रावजीरा उमराव सहसारी मदत आया. रियां परै कोस माथै जग हुवो रावजीरा चाकरांरी वारै वरछी वीरमदे खोस लीवी दस वार छुरी कार घोडो रावजीरी फोजमें
नाखियो वडो पोरख परगट कियो पिण वीरमदेरी फतै हुई नही । ६६०. संवत १६२४ मे उतियो अरजुन रायमलोत जैमल ईसरदासजी सामल चितोड
काम आयो। ६६१. वीरमदे दूदावत जिणारै वेटारी विगत - जैमल १, सारंगदे २, ईसर ३,
कान ४, चादो ५, माडण ६, प्रथीराज ७, खेमकरण ८, जगमाल ९, प्रतापसिंघ १०, सेखो ११।
जैमल वीरमदओत ६६२. जैमल पातसाह अक्वररै पगा लागो जद संवत १६१८ जैमलनू मेडतो दियो
* साठ हजार घोडासू मिरजा सरफुद्दीननुं मददकार जैमल साथै मेलियो।