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६५०-६५४ ]
राठौड वातां
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६५० राठोड ठाकुरसी कलारो, कलो खेतसीरो, खेतसी वरसिंघरो, वरसिंघ राव जोधारी. ठाकुरसी वडो राजपूत हुवो वासवाळारै रावळ उग्रसेणजी चापावत सूरजमल जैतमलोत साथ ठाकुरसीनू मेलियो चहुवाण मानानू मारण बुरहानपुर सूरजमल माना चहुवाणनू मारियो जद मानारी लात लागी ठाकुरसी कलावत मुवो।
मेड़तिया ( दूदावत ) दूदो जोधावत
६५१. वरसिंघ मुवो मेडता सायर माथै आदमी जोधपुरसू सातल जोधावतरा आय बैठा वरसिंघ र वेटो सीहो महाकपूत वरसिंघरी ठकुराणी साखली सयाजी जिण वीकानेरसू दूदाने तेडायो इण आय अजमेररा सूबेदार सिरियाखांरा आदमी मेलिया जिके मेडता मायसू काढ दिया मेडतो आधो दूदै अपणायो नै आधो सीहा वरसिंघोतरो मेडतो ।
६५२ अजमेरसू सिरियाखा दोडियो देस उजाडियो विगाडियो दूदै अजमेर क जग कर सिरियाखान मारियो पहला जग कर सिरियाखारा हाथी खोसिया हा । वी नह भेटिया, नह मोल वणजिया ।
लाछ दूदै लिया ||
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६५३ दूदा जोधावतरे बेटा पाच सल ४, पचायण ५. रतनसी पचास जणा है ।
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हुवा - वीरमदे १, रतनसी २, रायमल ३, रायरायसल दोनारै वस रह्यो नही पचायणोत
वीरमदे दूदावत
६५४ वीरमदेव दूदावत कनासू राव मालदेजी मेडतो लियो उण सलेमसाहनू अरज लिखी पातसाह आग्या किवी - वीरमदेनू अठे भेज दे जद वीरमदेव समसारी हजूर गयो वीकानेरियो किलाणमल ही उठ गयो रावजीरी जबरीरी वाता सुणायी पातसाह वानू साथै ले आगरै आयो रावजी अजमेर आया. पातसाह अजमेर नजदीक रामसर आयो रावजी अजमेरसू दोय कूच पाछा किया पर्छ सलेमसाह डेरा किया रावजी गररी डेरा किया जद पातसाहजी वीरमदेनू कयो- तू कहतो राव भाज जासी, सो तो राव जोरमें है इण अरज किवी - राव भाज जासी, आप परतीत राखजे.
पछे वारंट पत्तानू रावजीरी हजूर वीरमदे मेलियो. उण अरज किवी -
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