SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 47
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३४०-३५१ ] राठौडांरी बातां ३३ ३४० सवत् १७३० महाराजनू काबुलनू विदा किया पठाण माथै सुजातखा नवाब महाराज ताबीतमे । ३४१ सवत् १७३० रा फागण सुद ५ मोमवार पठाणसू राड हुई सुजातखा काम आयो महाराजरो ही लोक काम आयो फतै महाराजरी हुई । ܚܕ ܐ ३४२ औरगजेब खिताब दियो गस्त जसवतसिघ महाराजा दुवार मेडतिया गोपालदास सुन्दरदासोतनू जगनग नामा हाथी, चापा हाथी, कूपा गोवरधन चादावतनू रणजीत हाथी - जुमलै तीन हाथी सिरदारा तीनने जसवंतसिंघजी ओक दिन दिया । ३४३. मुलतानरा डेरा वनारसीदास जैनीने महाराज जसवंतसिंघजी आग्या किवी - अध्यातम ग्रथ वणाव 1 ३४४ महाराज जसवंतसिंघजी लिखता सही श्री परब्रमजोरी छै । ३४५ महाराज जसवंतसिंघजी राजा सबळसिंघजी सूरजसिंघोत ज्याँरी बेटी स्वत १७०७ रा काती वद ५ देवळियै परणायी जद हथणी चबेली डायजै दिवी । ३४६ सवत् १७३५ रा पोस वद १० महाराज जसवंतसिंघजी देवलोक हुवा बीस गायणिया ने राणी चन्द्रावतजी रामपुरारा राव अमरसिंघरी बेटी मडोवर जाय सत कियो जोधपुरसू । ३४७ सवत् १७३५ रा चैत वद ५ अजीतसिंघजीरो जनम दुरगदास आसकरणोत १, चापावत महासिघ २, मेडतियो मोहकमसिघ जगावत ३, रूपो ऊदावत ४, पिरागदास भोजराज वीदावत ५-अ दिलीसू मारवाडमे आया । ३४८ सवत् १७३५ सैताळीस सरदार दिली काम आया सवत् १७३६रा भादवा वद ११ राजसिंघ मेडतियो सेख सादूळनू मारियो मेडतो लियो । राणियाँ और संतान ३४९ महाराज जसवंतसिंघजीरै राजलोकारी विगत - बहूजी श्री भटियाणीजी नाव जसरुपदेजी रावळ मनोहरदासरी बेटी, पीहररो नाव पेमकवर संवत् १६९३ रा वैसाख सुद १२ घडी आठ रात गया जेसळमेर पधार परणिया कवरपदे । ३५०. महाराज जसवंतसिंघजीरै राजलोक भटियाणी जसरूपदेजी रावळ मनोहरदासरी बेटी । ३५१. सवत् १६९८ रामपुरै परणिया राव चादारी बेटी कसमीरदेजी चद्रावत. - गाळाव फूटो हो सो आ फेर बधायो ।
SR No.010598
Book TitleBankidasri Khyat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarottamdas Swami
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy