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१५८-१६२ ]
राठौड वातां
करी मालकोट बार देवीदासजी निसरिया. जैमलजी सरफुद्दीन मालकोटरी पोल आगे ऊभा देख रावजी देवीदासजीनू दिवी हुती बारा खिजमतदाररै कने हुती ओक मुगल बदूक लेण भूंबियो जद कडियाळी गंडी मुगलरै माथै जडी. गैडीरा लगणासू नाकमे भेजी निसरी मुगल मर गयो । १५९ ओ काम देख जैमल सरफुद्दीननू कह्यो - देवीदास जीवतो जोधपुर गयो तो रावजीनू आप ऊपर जरूर ले आवसी, इणनू मार लेणो, आसल करो. सरफुद्दीन जैमल फौज ले चढियां गाव सातळिया वासै जाय पोहता आरी फौजरो नगारो आ गोइददासजी सुण, घोडा ठामिया सत्रत १६१८ रा चैत सुद १५ वेढ हुई रावजीरी फौजरा इतरा काम आया
राठोड देईदास जैतावत १ राठोड पूरणमल प्रथी राजोत ३ राठोड सहसो उरजणोत ५ राठोड पतो कूपा महराजोतरो ७ राठोड नेतसी सोदावत ९ राठोड अचळो भाणोत ११ राठोड अमरो रामावत १३. जैमल तेजसिघोत १५. राठोड महेस पचायणोत १७ राठोड महेस घडसिंघोत १९. मागळियो वीरम २१.
राठोढ भाखरसी जैतावत २ राठोड जैतसी उरजणपचायणोत ४ राठोड ईसरदास राणावत ६ राठोड भाण भोजराजोत ८ राठोड रामो भैरूदासोत १० राठोड गोइददास राणावत १२ राठोड सहसो रामावत १४ राठोड भाखरसी डूगरोत १६ राठोड रणधीर रायसिंघात १८. राठोड ईसरदास घडसिघोत २०. साखलो तेजसी २२ भाटी पीथो २४.
भाटी तिलोकसी २३ खाती भानीदान २५ राठोड सागो रणधीरोत २७ राठोड राणो जगनाथोत २९. बाट जीवो ३१.
बारट जालप २६. राठोड राजसी घडसिंघोत २८ भाटी पिरागदास भारमलोत ३० तुरक हमलो ३२ ।
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१६० आ वेढ हुवा पछै रावजी मेडता माथै कटक कियो नही ।
१६१. सवत १६१८ रा चैत सुद १५ राठोड जैमल मिरजै सरफुद्दीन गाव सातळि - यावास रावजी मालदेजीरी फौजसू जग कियो राठोड देईदास जैतावत वगेरै रावजीरा घणा उमराव माराणा ।
१६२ देवीदास जैतावत कनै घोडा पाचसै हुता नै जैमल कनै मिरजा सरफुद्दीन कनै घणी फौज हुती देवीदास रुस्तम ज्यू जग कर काम आयो ।